लखनऊ, 11 फरवरी। आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) के भरोसे भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त देने का दम भर रही है। इस बीच भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में पिछड़ी जातियों को विशेष तरजीह देकर नया दांव खेल दिया है।
दरअसल, राज्य से भाजपा के सात उम्मीदवारों में चार पिछड़ी जाति से हैं। पिछड़ी जाति के ये उम्मीदवार आरपीएन सिंह (सैंथवार), चौधरी तेजवीर सिंह (जाट), अमरपाल मौर्य (कोइरी) और डॉक्टर संगीता बलवंत (बिंद) हैं। इनके अलावा डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी, साधना सिंह और नवीन जैन क्रमशः ब्राह्मण, क्षत्रिय व जैन बिरादरी से आते हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपनी बिरादरी के बड़े नेता माने जाते हैं आरपीएन सिंह
उत्तर प्रदेश की कुशीनगर से पूर्व सांसद और देश के पूर्व गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह वर्ष 1996, 2002 और 2007 में उत्तर प्रदेश की पडरौना सीट से विधायक रहे। वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए 59 वर्षीय आरपीएन सिंह कुशीनगर के सैंथवार शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपनी बिरादरी के बड़े नेता माने जाते हैं।
आरपीएन सिंह वर्ष 2009 में कुशीनगर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और 2009 से 2011 तक केंद्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री रहे। सिंह अक्टूबर 2012 तक तत्कालीन कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वह कुशीनगर सीट से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार से पराजय का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से करीब एक महीना पहले जनवरी माह में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। उन्हें विधानसभा चुनाव से ऐन पहले भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य को कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से विधानसभा चुनाव हराने का भी श्रेय मिला था।
राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी लगातार दूसरी बार जाएंगे राज्यसभा
वहीं अक्टूबर 2019 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए सुधांशु त्रिवेदी की पहचान एक विश्लेषक, विचारक और राजनीतिक सलाहकार के तौर पर की जाती है। वर्तमान में वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। लखनऊ में 20 अक्टूबर 1970 को जन्मे सुधांशु त्रिवेदी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री भी हासिल की है। विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए विख्यात सुधांशु त्रिवेदी पर भाजपा ने एक बार फिर भरोसा किया है और उन्हें लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया है।
डिप्टी सीएम केशव मौर्य के करीबी माने जाते हैं अमरपाल
भाजपा ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महामंत्री अमरपाल मौर्य को भी संसद के उच्च सदन में भेजने का फैसला किया है। मौर्य लंबे समय से संगठन से जुड़े हैं और कोइरी समाज के प्रमुख नेता माने जाते हैं। 45 वर्षीय अमरपाल मौर्य उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के करीबी माने जाते हैं। वहीं जाट समाज से आने वाले चौधरी तेजवीर सिंह मथुरा से पूर्व सांसद थे और इन दिनों सहकारिता आंदोलन में सक्रिय थे।
पिछली सरकार में सहकारिता राज्य मंत्री थीं संगीता बलवंत
संगीता बलवंत योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पिछली सरकार में सहकारिता राज्य मंत्री थीं और 2022 के विधानसभा चुनाव में वह गाजीपुर सदर सीट से 1600 मतों से पराजित हुई थीं। पार्टी ने उत्तर प्रदेश से चंदौली जिले की पूर्व विधायक साधना सिंह को भी संसद के उच्च सदन में भेजने का फैसला किया है। साधना को तेज तर्रार महिला नेताओं में शुमार किया जाता है।
पार्टी के एक अन्य राज्यसभा उम्मीदवार नवीन जैन आगरा नगर निगम के पूर्व महापौर हैं। भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए मथुरा से तीन बार सांसद रहे चौधरी तेजवीर सिंह को भी टिकट दिया है। सिंह मथुरा से वर्ष 1996, 1997 और 1998 में सांसद निर्वाचित हुए थे। वह जाट समुदाय के लोकप्रिय नेता माने जाते हैं।