लखनऊ, 2 मई। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बगावत कर चुनाव लड़ रहे नेताओं के खिलाफ पार्टी ने सख्त रुख अपना लिया है। इसके तहत पार्टी ने पांच सौ से अधिक बागियों को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दूसरे चरण का चुनाव लड़ रहे बागियों की भी लिस्ट मांगी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने निकाय चुनाव के दूसरे चरण में पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले बागियों की सूची मांग ली है। इन बागियों के खिलाफ भी 24 घंटे में एक्शन लिया जाएगा। अन्य दलों में भी पार्टी से बगावत कर तमाम नेता चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा जैसा एक्शन लेने की हिम्मत नहीं दिखाई गई है।
सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी लोगों पर भी काररवाई
भूपेंद्र चौधरी और सीएम योगी आदित्यनाथ के आपसी विचार विमर्श के बाद जिन नेताओं को पार्टी से निकाला गया है, उनमें पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी व जिला महामंत्री विष्णु प्रताप नारायण सिंह, जिला कार्यसमिति सदस्य राघवराम तिवारी, जिया सिंह व सुमन देवी भी शामिल हैं।
सांसद बृजभूषण शरण सिंह इस वक्त दिल्ली में धरना दे रहे पहलवानों द्वारा लगाए आरोपों के कारण विवादों में हैं। ऐसे में उनके समर्थकों के खिलाफ हुई काररवाई पर आश्चर्य जताया जा रहा है। गोंडा के पूर्व जिलाध्यक्ष अकबाल बहादुर तिवारी को भी निष्कासित किया गया है। इसी तरह से भाजपा विधायक बावन सिंह के भाई तिरपन सिंह की पत्नी कमलेश सिंह को भी पार्टी से निकाल दिया गया है। वह कटरा नगर पालिका अध्यक्ष पद पर भाजपा के बागी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं।
भाजपा के इन बागियों पर भी काररवाई
इसी प्रकार बलरामपुर जिले के गैसड़ी से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष प्रिंस वर्मा, तुलसीपुर से पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं जिला कार्य समिति सदस्य मुन्नू तिवारी और पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ बहू के चुनाव लड़ने के कारण व्यवसायिक प्रकोष्ठ के सह संयोजक बनारसी मोदनवाल को पार्टी से निकाला गया है।