नई दिल्ली, 4 जून। लोकसभा चुनाव 2024 में ‘अबकी बार, 400 पार’ का नारा देने वाली सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा आघात सहना पड़ा है और वह खुद बहुमत के आंकड़े से फिसल गई है। 543 सीटों वाली संसद में बहुमत के लिए 272 का आंकड़ा छूना जरूरी है। मतगणना के रुझनों पर गौर करें तो भाजपा खुद 240 से तनिक ऊपर जाती प्रतीत हो रही है। हालांकि भाजपा की अगुआई वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) 300 के करीब पहुंचता दिखाई पड़ रहा है। इसमें चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) का अच्छा अंशदान है।
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वहीं दूसरी ओर एग्जिट पोल को पहले दिन से खारिज करने वाला विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. भले ही बहुमत से दूर है, लेकिन मतगणना के रुझान के हिसाब से वह 240 के आसपास पहुंचता प्रतीत हो रहा है। गठबंधन के घटक दलों में कांग्रेस खुद 100 सीटों से पार जाती दिखाई पड़ रही है जबकि क्षेत्रीय दलों में समाजवादी पार्टी (SP), तृणमूल कांग्रेस (TMC), द्रविड़ मुनेद्र कझगम (DMK) व शिवसेना (UBT) सहित अन्य ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। सिर्फ बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
सपा-कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को पहुंचाई गहरी चोट
भाजपा को उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ा है, और यह चोट उसे इंडी गठबंधन के अहम घटक दलों – अखिलेश यादव की अगुआई वाली सपा व कांग्रेस ने पहुंचाई है। पिछले लोकसभा चुनाव में 62 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा रुझानों के अनुसार 40 का आंकड़ा भी नहीं छू पा रही है। वहीं, सपा और कांग्रेस मिलकर 44 सीटों पर आगे चल रहे हैं। हालांकि, राज्य में भाजपा गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल है, लेकिन वह भी दो सीटों पर ही आगे है।
राहुल गांधी वायनाड के साथ रायबरेली सीट भी बडे अंतर से जीत रहे
यूपी में कांग्रेस को आठ सीटें मिलती नजर आ रही हैं। इनमें मुख्य रूप से रायबरेली और अमेठी सीटे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड के अलावा अपनी मां की छोड़ी सीट रायबरेली से भी बड़े अंतर से जीत रहे हैं वहीं अमेठी से कांग्रेस परिवार के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा भी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर बीस पड़ रहे हैं।
पश्चिम बंगाल से भी भाजपा को मिली निराशा
इसके अलावा भाजपा को पश्चिम बंगाल से भी खासी उम्मीदें थीं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी राज्य में सीटें बढ़ने की संभावनाएं जता रहे थे। लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार पार्टी अब तक महज नौ सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और तृणमूल कांग्रेस 32 सीटों पर आगे है। बीते लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा ने 17 सीटें अपने नाम की थीं।
मध्य प्रदेश, गुजरात व दिल्ली सहित कुछ राज्यों ने बचाई भाजपा की लाज
वैसे कुछ ऐसे राज्य भी हैं, जहां एनडीएन क्लीन स्वीप कर विपक्ष के खिलाफ एकतरफा जीत हासिल करने की तैयारी में है। मसलन, एनडीए मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत हासिल करती नजर आ रही है। वहीं गुजरात की 25 सीटों में 24 पर भाजपा का वर्चस्व है। अरुणाचल प्रदेश की दो, त्रिपुरा की दो, हिमाचल प्रदेश की चार, उत्तराखंड की पांच और राजधानी दिल्ली की सात सीटों पर भाजपा आगे चल रही है। इन सभी को मिलाकर भाजपा पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 49 सीटों पर एकतरफा जीत दर्ज करने की तैयारी में है।
ओडिशा विधानसभा में कमल खिलने की तैयारी
लोकसभा के साथ-साथ ओडिशा विधानसभा की 147 सीटों पर भी मतगणना जारी है। संभावनाएं हैं कि भाजपा पहली बार राज्य में बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। रूझानों अनुसार, भाजपा 78 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) 51 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है। कांग्रेस को अब तक 15 सीटों पर बढ़त हासिल है।