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राज्यसभा में भाजपा ने लगाया शतक, वर्ष 1990 के बाद यह आंकड़ा छूने वाली पहली पार्टी बनी

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नई दिल्ली, 1 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने राजनीतिक इतिहास में पहली बार राज्यसभा में सदस्यों का शतक पूरा करने में सफल हो गई है। राज्यसभा चुनावों में असम, त्रिपुरा और नागलैंड में एक-एक सीटों पर हुए चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भाजपा का आंकड़ा आधिकारिक रूप से अपने सर्वोच्च संख्या पर पहुंच गया है।

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट में यह जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘भाजपा और इसके सहयोगी दलों ने असम से राज्यसभा की दोनों सीटें जीत ली हैं। पूर्वोत्तर में त्रिपुरा और नगालैंड से भी अन्य दो सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। इस तरह भाजपा ने चार में चार सीटें जीत ली है। कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका। भाजपा के अब राज्यसभा में 100 सदस्य हैं।’

भाजपा के लिए 100 के जादुई आंकड़े पर लंबे समय तक बने रहने की संभावना कम

फिलहाल राज्यसभा में भाजपा के लिए 100 के जादुई आंकड़े पर लंबे समय तक बने रहने की संभावना कम है। ऐसा इसलिए कि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में राज्यसभा की सीटों के लिए चुनाव होने के बाद राज्यसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या में कमी हो सकती है।

उत्तर प्रदेश के राज्यसभा चुनाव से पार्टी को फायदे की उम्मीद

लेकिन इसके साथ ही यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि क्या उत्तर प्रदेश से भाजपा को मिलने वाले संभावित फायदे से इस नुकसान की भरपाई हो पाएगी या नहीं। आंकड़ों पर गौर करें तो राज्यों से राज्यसभा की 11 संभावित सीटों पर भाजपा कम से कम आठ पर विजय हासिल कर सकती है।

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के 11 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, जिनमें से पांच भाजपा से हैं। हाल में छह राज्यों में राज्यसभा की 13 सीटों के लिए हुए द्विवार्षिक चुनावों में भाजपा ने पंजाब से अपनी एक सीट गंवा दी, लेकिन उसने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों और हिमाचल प्रदेश में एक-एक सीटों पर अपने प्रत्याशियों को जीत भी दिलवाई, जहां से सभी पांच निवर्तमान सदस्य विपक्षी दलों से थे।

पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराने वाली आम आदमी पार्टी ने राज्य की सभी पांच सीटें अपने नाम कर लीं। हालांकि अभी राज्यसभा की वेबसाइट पर नया आंकड़े की अधिसूचित जारी किया जाना बाकी है, लेकिन यदि हालिया चुनाव में भाजपा के खाते में आई तीन सीटों को उसकी मौजूदा संख्या 97 में जोड़ दें, तो राज्यसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या 100 पर पहुंच जाएगी।

अंतिम बार 1990 में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 100 से ज्यादा थी

हालांकि 245 सदस्यीय राज्यसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या अब भी बहुमत के आंकड़े से काफी कम है। राज्यसभा में अंतिम बार किसी पार्टी के सदस्यों की संख्या 100 या इससे अधिक वर्ष 1990 में थी, जब तत्कालीन सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के 108 सदस्य राज्यसभा में थे। हालांकि इसके बाद राज्यसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या घट गई थी।

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