देहरादून, 10 मार्च। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत के साथ इतिहास रचने के लिए तैयार है। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब कोई पार्टी लगातार दूसरी बार प्रदेश में सरकार बनाएगी। लेकिन पार्टी को एक आघात भी सहना पड़ा, जब मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी ही सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस के युवा नेता भुवन चंद कापड़ी से हारे धामी
सीएम धामी खटीमा विधानसभा सीट से कांग्रेस के भुवन चंद कापड़ी के हाथों छह हजार से ज्यादा वोटों से हार गए। इसका मतलब यह हुआ कि राज्य में एक बार फिर मुख्यमंत्री बदला जाएगा। ज्ञातव्य है कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार बनी तो त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बनाए गए थे। लेकिन चुनाव के कुछ माह पहले ही अन्यान्य कारणों से त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम पद छोड़ना पड़ा और पुष्कर सिंह धामी ने कुर्सी संभाली थी।
उत्तराखंड चुनाव परिणाम पर एक नजर
भुवन चंद कापड़ी की बात करें तो वह युवा नेता हैं और उत्तराखंड के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। युवाओं के बीच लोकप्रिय कापड़ी उत्तराखंड यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस में जनरल सेक्रेटरी के पद पर भी रह चुके हैं। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन महज 2709 वोट से हारे गए थे। भुवन कापड़ी को 26,830 वोट मिले थे, जबकि पुष्कर सिंह धामी को 29,539 वोट हासिल हुए थे।
सीएम धामी के काम नहीं आए काम
मुख्यमंत्री धामी ने अपने छह माह के मुख्यमंत्रित्व काल में खटीमा में पूर्व में प्रस्तावित कामों को जहां तेजी से संपन्न कराया, वहीं नए काम भी प्रस्तावित किए। लेकिन ये काम 2022 के चुनाव में मुख्यमंत्री के काम नहीं आए। समझा जाता है कि किसान आंदोलन सीएम धामी के खिलाफ गया। इसी क्रम में वह जातीय समीकरण में भी फेल हो गए। नामांकन के बाद वह प्रदेशभर में लगातार प्रचार के लिए गए, लेकिन खटीमा चार बार ही आए।
राज्य में पहली बार कोई पार्टी लगातार दूसरी बार बनाएगी सरकार
गौरतलब है कि उत्तराखंड में अब तक हुए चार विधानसभा चुनावों का इतिहास दो दशक पुराना है। उत्तराखंड में पिछले चार चुनावों में बारी-बारी से कांग्रेस और भाजपा सत्ता पर काबिज रही हैं, लेकिन किसी भी पार्टी ने लगातार दूसरी बार कुर्सी हासिल नहीं की। 2002 के चुनाव में कांग्रेस ने सरकार बनाई तो 2007 में भाजपा ने। इसके बाद 2012 में फिर कांग्रेस सत्ता में आई तो 2017 में फिर भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाई। फिलहाल अब भाजपा इतिहास रचने के साथ सरकार बनाने जा रही है।