नई दिल्ली, 7 दिसम्बर। एमसीडी चुनाव परिणाम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंसूबे पर पानी फेर दिया। इस क्रम में 15 वर्षों के शासन का किला आम आदमी पार्टी (आप) की झाड़ू से ढह गया और भगवा पार्टी 250 वार्डों वाले एमसीडी में 104 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर पिछड़ गई।
इसके साथ ही भाजपा ने जो पसमांदा मुस्लिम कार्ड खेला था, वह भी काम नहीं आया क्योंकि उसके चारों मुस्लिम उम्मीदवार हार गए। ये चारों उम्मीदवार पसमांदा समाज से ताल्लुक रखते हैं।
भाजपा ने वार्ड नंबर 76 चांदनी महल से इरफान मलिक को मैदान में उतारा था, लेकिन इस सीट पर आम आदमी पार्टी के आले मोहम्मद ने 17,134 वोटों के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की है। वहीं वार्ड नंबर 227 चौहान बांगर से सबा गाजी भाजपा की उम्मीदवार थीं, लेकिन उन्हें कांग्रेस की शगुफ्ता चौधरी से हार का सामना करना पड़ा।
वहीं वार्ड नंबर 81 कुरैश नगर से भाजपा ने समिना रजा को टिकट दिया था, जहां से आम आदमी पार्टी की कैंडिडेट शमीम बानो ने जीत हासिल की। उधर मुस्तफाबाद वार्ड नंबर 243 से शबनम मलिक पर भाजपा ने भरोसा जताया था, लेकिन इस वार्ड से कांग्रेस की सबीला बेगम विजयी रहीं।
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए 134 वार्डों में विजय हासिल की है जबकि भाजपा ने 104 सीटें जीतीं। कांग्रेस को सिर्फ 9 वार्डों में जीत मिली तो अन्य के खाते में 3 सीटें आई हैं।
16 मुस्लिम सीटों में कांग्रेस और ‘आप‘ के 7-7 प्रत्याशी जीते
एमसीडी की कुल 16 मुस्लिम सीटों में सात सीटें आम आदमी पार्टी के खाते में गई हैं तो वहीं इतनी ही सीटें कांग्रेस की झोली में पड़ी हैं। ध्यान देने वाली ये बात है कि यहां कांग्रेस को प्राप्त कुल नौ सीटों में सात मुस्लिम सीटें हैं। स्पष्ट तौर पर अल्पसंख्यक मतदाताओं ने ‘आप’ के मुकाबले कांग्रेस को अधिक पसंद किया। वह भी तब, जब कांग्रेस ने बेमन से यह चुनाव लड़ा।