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भाजपा संसदीय बोर्ड पुनर्गठित : गडकरी व शिवराज बाहर, येदियुरप्पा व सोनोवाल सहित 6 नए चेहरे शामिल

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नई दिल्ली, 17 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2024 के आम चुनाव एवं इस वर्षांत गुजरात सहित अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर संगठानत्मक स्तर पर कुछ फेरबदल किया है। इस क्रम में भाजपा संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन के अलावा केंद्रीय चुनाव समिति में बड़ा बदलाव किया गया है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार भाजपा के पुनर्गठित 11 सदस्यीय संसदीय बोर्ड से वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटा दिया गया है जबकि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा व केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सहित छह नए चेहरे शामिल किए गए हैं।

संसदीय बोर्ड में शामिल किए गए नए चेहरों में येदियुरप्पा व सोनोवाल के अलावा अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, राज्यसभा सदस्य व पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण, पार्टी की राष्ट्रीय सचिव व पूर्व सांसद सुधा यादव और वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद सत्यनारायण जटिया शामिल हैं। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष पहले से ही संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं।

भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति में भी फेरबदल

वहीं भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में भी फेरबदल किया गया है। 15 सदस्यीय केंद्रीय चुनाव समिति में संसदीय बोर्ड के 11 सदस्यों के अलावा केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, ओम माथुर और वनथी श्रीनिवासन शामिल हैं। इस समिति से नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान व शाहनवाज हुसैन को बाहर कर दिया गया है।

गडकरी का महत्वपूर्ण समिति से बाहर होना सबसे बड़ा झटका

समझा जाता है कि 2024 आम चुनाव को देखते हुए भाजपा ने कमर कस ली है। संसदीय बोर्ड भाजपा में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। यह मुख्यमंत्रियों, राज्य प्रमुखों और अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर कॉल करता है। फिलहाल नितिन गडकरी का महत्वपूर्ण समिति से बाहर होना इस कवायद में सबसे बड़ा झटका है। गडकरी मौजूदा मोदी सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक हैं। वह भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

संसदीय बोर्ड में येदियुरप्पा की प्रविष्टि आश्चर्यजनक

एक और आश्चर्यजनक प्रविष्टि कर्नाटक के भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा की है, जिन्हें पिछले वर्ष मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। येदियुरप्पा 77 वर्ष के हैं, जो पार्टी की 75 वर्ष की अलिखित आयु सीमा से काफी आगे है। सूत्रों का कहना है कि प्रभावशाली राजनेता येदुयिरप्पा कुछ समय से नाखुश हैं और पार्टी उन्हें शांत करना चाहती है।

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