नई दिल्ली, 9 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि हिजाब पर रोक का मौलिक अधिकारों से कोई संबंध नहीं है और इस्लाम में हिजाब को कहीं भी स्थान नहीं दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब विवाद के कारण पूरे देश में महिलाओं के पहनावे को लेकर एक लंबी बहस छिड़ गई है। हिजाब विवाद केवल सत्ता के गलियारों तक ही नहीं सिमटा है बल्कि यह मामला अब कानून की दहलीज पर भी जा पहुंचा है। इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए कहा कि यह आस्था से जुड़ा एक गंभीर प्रश्न है, इसलिए इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा जाता है।
‘कोई प्रमाण दिखा दे कि तो मैं सबसे पहले हिजाब पहनने की वकालत करुंगा‘
फिलहाल किसी भी मुद्दे पर पार्टी लाइन से हटकर अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए लोकप्रिय सुब्रमण्यम स्वामी ने क समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ‘इस्लाम में हिजाब को कहीं भी स्थान नहीं दिया गया है। अगर कोई मुझे प्रमाण के साथ दिखा दें कि तो मैं सबसे पहले हिजाब पहनने की वकालत करुंगा।’
‘देश में कोई भी मुद्दा हो, उसमें हिन्दू-मुस्लिम होने लगता है‘
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि देश में कोई भी मुद्दा हो, उसमें हिन्दू-मुस्लिम होने लगता है। वस्तुतः इस्लाम में कहीं भी हिजाब के बारे में कोई जिक्र नहीं है। इससे साबित होता है कि इस्लाम के साथ हिजाब का कोई सीधा ताल्लुक नहीं है। अगर ऐसा होता तो संसद में साड़ी पहनकर आने वाली मुस्लिम महिलाओं पर भी आरोप लगता कि वह धर्म का अपमान कर रही हैं।
‘कर्नाटक सरकार का फैसला सही, आप ऐसे मामले में झुक नहीं सकते‘
भाजपा सांसद ने कर्नाटक सरकार के फैसले को भी सही ठहराते हुए कहा कि आप ऐसे मामले में झुक नहीं सकते। हिजाब पर रोक से मौलिक अधिकारों का कोई संबंध नहीं है। जिन्हें हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेज जाना है और अगर इसकी इजाजत नहीं है तो वह कहीं और जाकर पढ़ सकते हैं।