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संसद में हंगामे पर भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी का जवाब- ‘विपक्ष ने बिहार का संदेश नहीं समझा’

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नई दिल्ली, 2 दिसंबर। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी हंगामे के आसार हैं। मंगलवार सुबह 11 बजे संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने अपनी प्रतिक्रिया दी और पहले दिन सदन में हुए हंगामे पर विपक्ष की आलोचना की। भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि विपक्ष ने बिहार में हार के बाद मिले संकेत को दरकिनार करके फिर से एसआईआर पर हंगामा किया है।

ये नारे देश के खिलाफ हैं, क्योंकि सब जानते हैं कि बिहार की जनता ने एसआईआर के मुद्दे पर बहुत साफ फैसला दिया है। इस बारे में विपक्ष को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि शून्यकाल और प्रश्नकाल के दौरान चर्चा नहीं होती है, लेकिन शून्यकाल और प्रश्नकाल में आकर विपक्ष नारेबाजी करता है। इससे विपक्ष के भी कई सांसद दुखी हैं। शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा, “संसद में बहस नहीं कर सकते हो, चर्चा नहीं कर सकते हो, सिर्फ हंगामा करना सरासर गलत है। मैं समझता हूं कि इसके खिलाफ जनता ने जवाब दिया है और फिर से जनता जवाब देगी।”

शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा, “यह कांग्रेस पार्टी का नीति रही है कि जब भी वे हारते हैं या किसी मुश्किल का सामना करते हैं, तो ईवीएम, चुनाव आयोग और एसआईआर को दोषी बताते हैं। लेकिन अगर इत्तेफाक से वे कहीं जीत जाते हैं, जो अब बहुत कम होता जा रहा है, तो अचानक कोई दिक्कत ही नहीं रहती।”

‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर संसद में होने वाली चर्चा पर सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं भी वंदे मातरम पर चर्चा के लिए बहुत उत्सुक हूं। ‘वंदे मातरम’ के स्वरों से हम ‘विकसित भारत’ के लिए क्रांतिकारी भावना को जागृत करने की कोशिश करेंगे।”

उन्होंने कहा कि एक ऐसा क्रांतिकारी क्षण था, जब हमारे संन्यासियों ने बंगाल में विद्रोह किया था और उसके बाद आनंद मठ की रचना हुई। उसी आनंद मठ से निकला ‘वंदे मातरम’ गीत पूरे राष्ट्र का गीत बना। ‘संचार साथी’ ऐप के विषय पर भाजपा सांसद ने कहा कि प्राइवेसी के लिए हमारे ‘संचार साथी’ ऐप में काफी सुरक्षा उपाय हैं। इसमें किसी भी तरह का प्राइवेट डेटा नहीं है।

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