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भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े बोले – ‘लोकसभा में 400+ सीटें मिलीं तो संविधान बदल देंगे’

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नई दिल्ली, 10 मार्च। पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने संविधान संशोधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने रविवार को कहा कि राज्यसभा में भाजपा के दो-तिहाई बहुमत के बाद संविधान में संशोधन किया जाएगा। कांग्रेस काल में हिन्दू समाज पर प्रभुत्व स्थापित करने के लिए संविधान में अवांछित परिवर्तन किए गए। ये सभी बदलाव भाजपा को 400+ सीटों का बहुमत मिलने के बाद लागू किए जाएंगे।

संविधान में किया जाएगा संशोधन

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के सिद्धपुर में एक बैठक में सांसद हेगड़े ने कहा, ‘हमें संविधान बदलना होगा। कांग्रेस काल में संविधान में कुछ अनावश्यक परिवर्तन किए गए। ये बदलाव विशेष रूप से हिन्दू समुदाय को लक्षित करने के लिए किए गए थे। यदि ये सब बदलना है तो दो-तिहाई बहुमत के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव की मद्देनजर ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा दिया है। हेगड़े ने इसी घोषणा का मतलब समझाते हुए यह बयान दिया है।

कांग्रेस का भाजपा पर हमला

फिलहाल हेगड़े के इस बयान के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला बोला और कहा कि क्या संविधान बदलना भाजपा का चुनावी मुद्दा है? एक समय भाजपा सांसद संविधान बदलने की भाषा का इस्तेमाल करते थे, अब वे संविधान में संशोधन करने का संकेत दे रहे हैं। क्या भाजपा नेताओं को डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के तहत रहना मुश्किल लगता है?

राहुल बोले – बाबा साहेब के संविधान को खत्म करना चाहती है भाजपा

वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सांसद का बयान कि उन्हें 400 सीटें संविधान बदलने के लिए चाहिए, नरेंद्र मोदी और उनके ‘संघ परिवार’ के छिपे हुए मंसूबों का सार्वजनिक एलान है। नरेंद्र मोदी और भाजपा का अंतिम लक्ष्य बाबा साहेब के संविधान को ख़त्म करना है। उन्हें न्याय, बराबरी, नागरिक अधिकार और लोकतंत्र से नफ़रत है।

‘वे भारत के महान लोकतंत्र को संकीर्ण तानाशाही में बदलना चाहते हैं

राहुल गांधी ने यह भी कहा, ‘समाज को बांटना, मीडिया को गुलाम बनाना, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पहरा और स्वतंत्र संस्थाओं को पंगु बनाकर विपक्ष को मिटाने की साजिश से वो भारत के महान लोकतंत्र को संकीर्ण तानाशाही में बदलना चाहते हैं। हम आजादी के नायकों के सपनों के साथ ये षड्यंत्र सफल नहीं होने देंगे और अंतिम सांस तक संविधान से मिले लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। संविधान का हर सिपाही, विशेष रूप से दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक जागें, अपनी आवाज़ उठाएं – I.N.D.I.A. आपके साथ है।’