नई दिल्ली, 16 जनवरी। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन को रेप केस में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इस क्रम में शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली हुसैन की याचिका खारिज कर दी है।
शाहनवाज हुसैन के खिलाफ 2018 में रेप का आरोप लगा था। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने इस आदेश को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘मामले की सही ढंग से जांच होने दीजिए, अगर आप गलत नहीं होंगे तो बच जाएंगे।’ यह टिप्पणी जस्टिस एस. रविंद्र भट और दीपांकर दत्ता की बेंच ने की।
वर्ष 2018 का है मामला
यह मामला वर्ष 2018 का है, तब दिल्ली में एक महिला ने कथित रेप केस में भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। महिला ने हुसैन के खिलाफ एफआईआर के लिए लोअर कोर्ट में अपील की थी। हालांकि शाहनवाज हुसैन ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया था। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। हुसैन मामले को लेकर सेशन कोर्ट में पहुंचे थे, जहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
वकीलों ने दी यह दलील
शाहनवाज हुसैन की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने दलीलें पेश कीं। रोहतगी ने इस दौरान कहा कि महिला की तरफ से शिकायत पर शिकायत की गई। पुलिस ने मामले की छानबीन की, लेकिन कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि हुसैन के खिलाफ लगातार हमलों की सीरीज चलाई गई। जवाब में शीर्ष अदालत की बेंच ने कहा, ‘हमें मामले में दखल देने की कोई वजह नजर नहीं आती।’
महिला ने लगाया था आरोप – फॉर्महाउस पर बुलाकर किया रेप
गौरतलब है कि जून, 2018 में एक महिला ने भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता के आरोप के मुताबिक घटना उसी वर्ष के अप्रैल महीने की थी। इसमें कहा गया था कि शाहनवाज हुसैन ने महिला को छतरपुर स्थित फॉर्महाउस पर बुलाया। इसके बाद कोल्ड ड्रिंक में कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पीने के लिए दिया गया। जब वह नशे की हालत में हो गई तो उसके साथ रेप किया गया। महिला इसी मामले में एफआईआर की मांग कर रही है।