चंडीगढ़, 28 दिसंबर। हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार का दो वर्षों में पहला मंत्रिमंडल विस्तार मंगलवार को हुआ। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हिसार से भाजपा विधायक डॉ. कमल गुप्त एवं जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायक देवेंद्र सिंह बबली को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
कमल गुप्त ने जहां संस्कृत में शपथ ली वहीं बबली ने हिन्दी में शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद दोनों नए मंत्रियों ने सीएम मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्त का अभिवादन किया।
मंत्रियों के विभागों में होगा फेरबदल
बताया जा रहा है कि नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ ही अन्य मंत्रियों के विभागों में थोड़ा-बहुत फेरबदल होगा। भाजपा कोटे के मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे और कैबिनेट मंत्री को बड़ा विभाग मिल सकता है। जजपा कोटे से बनने वाले मंत्री को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के विभागों में से ही एक-दो विभाग दिए जाने की चर्चाएं हैं।
डॉ. कमल गुप्ता जी व श्री देवेंद्र बबली जी द्वारा हरियाणा मंत्रिपरिषद में मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
आप पारदर्शिता व ईमानदारी के साथ प्रदेश वासियों के हित के लिए निरंतर कार्य करेंगे, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है। pic.twitter.com/f0c8AsaKPa— Manohar Lal (@mlkhattar) December 28, 2021
कमल गुप्त के बारे में बताया जाता है कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ ही प्रदेश भाजपा नेतृत्व की भी पसंद हैं। उनका मुखर वक्ता होना उनके पक्ष में गया। वहीं जजपा की तरफ से देवेंद्र बबली के अलावा विधायक रामकुमार गौतम, अमरजीत ढांडा व ईश्वर सिंह के नामों को लेकर भी चर्चा थी। ईश्वर सिंह के बेटे को जजपा कोटे से चेयरमैन बनाया जा चुका है।
दो वर्षों बाद हुआ कैबिनेट विस्तार
गौरतलब है कि 27 अक्तूबर, 2019 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने शपथ ग्रहण की थी। इसके साथ 90 सीटों वाले हरियाणा में भाजपा-जजपा की नई सरकार अस्तित्व में आई थी। उसके दो ह्फ्ते बाद खट्टर सरकार में 10 मंत्रियों को शामिल किया गया था। बीच में कई बार मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा होती रही। लेकिन अब भाजपा हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद कैबिनेट विस्तार किया गया। यह विस्तार दो वर्ष, दो महीने और एक दिन बाद किया गया है।
खट्टर ने मंत्रिपरिषद में विस्तार को लेकर कई महीनों से चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा, ‘हां, अब सस्पेंस खत्म हो गया है।’ दो विधायकों के शपथ लेने के बाद, मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद में संख्या बल 14 हो गया, जो ऊपरी सीमा भी है।