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वक्फ बिल को लेकर भाजपा ने जारी किया ह्विप – ‘संसद में 2 अप्रैल को मौजूद रहें सभी सांसद’

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नई दिल्ली, 1 अप्रैल। संसद की एक संयुक्त समिति (JPC) की रिपोर्ट के बाद संशोधित वक्फ विधेयक को लोकसभा में विचार और पारित किये जाने के लिए बुधवार (2 अप्रैल, 2025) को लाया जाएगा। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस निमित्त अपने सभी लोकसभा सांसदों को ह्विप जारी कर 2 अप्रैल 2025 को संसद में उपस्थित रहने को कहा है।

कांग्रेस ने बुलाई विपक्ष की बैठक, राहुल व प्रियंका कर सकते हैं चर्चा

वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर आज ही विपक्षी पार्टियों ने बैठक बुलाई है। सूत्रों के अनुसार लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वक्फ बिल पर चर्चा कर सकते हैं। हालांकि सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अब तक यह तय नहीं कर पाई है कि प्रियंका गांधी या राहुल गांधी लोकसभा में वक्फ चर्चा पर बोलेंगे या नहीं।

कैथोलिक संगठनों ने सरकार के वक्फ विधेयक का किया समर्थन

केरल में मुस्लिमों ने कई ईसाई संपत्तियों को अपनी वक्फ संपत्ति बताया है। इस बीच कैथोलिक संगठनों ने सरकार के वक्फ विधेयक का समर्थन करते हुए विज्ञप्ति जारी की है। साथ ही संपत्ति के स्वामित्व आदि पर नियमों में बदलाव की मांग की है।

भाजपा बोली – मुसलमानों को किया जा रहा गुमराह

इस बीच भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिल को लेकर मुसलमान समाज को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘जैसे सीएए के समय मुसलमानों को भड़का कर शाहीन बाग कराया गया था। इस बिल से मुसलमान का हित होगा, जिन लोगों ने जमीन कब्जा किया, उनका कब्जा खत्म होगा।’

इमरान मसूद ने कहा – संख्याबल से दबाया तो कोर्ट जाएंगे

इसके विपरीत कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार के साथ-साथ उनके सहयोगियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान, जयंत चौधरी समझ लें कि बिल पास हुआ तो मुसलमान उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। छह सौ की किट से मोहब्बत नहीं होती, हमारा वक्फ वापस कर दीजिए। संख्याबल से हमें दबाया गया तो कोर्ट जाएंगे।’

8 घंटे की चर्चा के बाद होगी वोटिंग 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। पिछले वर्ष विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय मांगा जबकि सरकार ने कहा कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की निंदा करने वाले वैधानिक प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाएगी, इसलिए वक्फ विधेयक के लिए आठ घंटे से अधिक समय नहीं दिया जा सकता।

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