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भाजपा ने पार्टी नेताओं को अनावश्यक बयानबाजी से बचने की दी हिदायत, विपक्षी दलों के रुख की प्रशंसा की

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नई दिल्ली, 9 मई। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच उपजी परिस्थितियों के मद्देनजर पार्टी नेताओं को अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह दी है। इसके साथ ही वह आंतरिक एकता को बनाए रखने के लिए लगातार विपक्ष को भरोसे में ले रही है।

सिर्फ विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ही आधिकारिक रूप से बोलेंगे

‘ईटीवी भारत’ की एक रिपोर्ट के अनुसार सत्तारूढ़ दल ने अपने नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सीमा तनाव पर कोई भी अप्रासंगिक या अनावश्यक बयान देने से बचें। इस संवेदनशील मुद्दे पर केवल विदेश मंत्रालय (MEA) और रक्षा मंत्रालय ही आधिकारिक रूप से बोलेंगे। पार्टी नेताओं को यह भी हिदायत दी गई है कि युद्ध जैसे हालात में विपक्ष पर हमला करने या उनकी आलोचना करने से भी बचें।

राजनीतिक तनाव से बचने की भी नसीहत

पार्टी ने साथ ही अपने नेताओँ को यह भी नसीहत दी है कि यदि विपक्ष की ओर से कोई बयान आता भी है तो उसका जवाब देने से वे परहेज करें ताकि राजनीतिक तनाव से बचा जा सके और राष्ट्रीय एकता बनी रहे। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब देश में सीमा पर तनाव और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।

सरकार और विपक्ष दोनों ही इस बात पर सहमत दिख रहे हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता से बड़ा कोई मुद्दा नहीं है। सूत्रों ने बताया कि सरकार इस एकजुटता को और मजबूत करने के लिए सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रही है।

इस बीच, सरकार ने यह भी संदेश दिया है कि वह सभी नागरिकों, संगठनों और राजनीतिक दलों के सहयोग को महत्व देती है, जिन्होंने इस संकट के समय में एकजुटता दिखाई। यह कदम न केवल देश के भीतर एकता को बढ़ावा देगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की स्थिति मजबूत और एकजुट छवि को प्रस्तुत करेगा।

विपक्षी दलों की प्रशंसा

सूत्रों ने बताया कि सरकार ने विपक्षी दलों के रुख की विशेष रूप से प्रशंसा की है। विपक्ष ने इस संकट के समय में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का वादा किया है। कई विपक्षी नेताओं ने सार्वजनिक रूप से यह बयान दिया है कि वे राष्ट्रीय हितों के लिए किसी भी तरह का समर्थन देने को तैयार हैं। इस एकजुटता का सरकार ने न केवल स्वागत किया है, बल्कि इसे देश की ताकत के रूप में पेश किया है।

एक वरिष्ठ मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘यह समय राजनीतिक मतभेदों को भूलकर एक साथ खड़े होने का है। विपक्ष ने जिस तरह का परिपक्व रुख दिखाया है, वह सराहनीय है। सरकार इस सहयोग को महत्व देती है और इसे और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।’

विपक्ष के साथ नियमित संवाद की योजना बना रही सरकार

सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि सरकार इस एकजुटता को दीर्घकालिक रूप से बनाए रखने के लिए विपक्ष के साथ नियमित संवाद की योजना बना रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विपक्ष को विश्वास में लेने और उनकी राय को शामिल करने के लिए विशेष बैठकें आयोजित की जा सकती हैं। इसके अलावा, सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे अपने कार्यकर्ताओं को भी यह संदेश दें कि इस समय देशहित को सर्वोपरि रखा जाए।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता का इस मुद्दे पर कहना है कि जिस तरह से सेना दुश्मनों से लोहा ले रही है और देश की जनता के साथ साथ सभी दलों के नेता एक सुर में सौहार्द के साथ प्रधानमंत्री का साथ दे रहे हैं, इससे देश की एकता मजबूत होती है और इसपर हमारी पार्टी भी विपक्ष को साधुवाद देती है।

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