चंडीगढ़, 9 अक्टूबर। हरियाणा में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के 24 घंटे के भीतर तीनों निर्दलीय विधायकों का सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को साथ मिल गया है। भाजपा को समर्थन देने का एलान करने वाले ये तीनों निर्दलीय विधायक – देवेंद्र कादयान, राजेश जून और सावित्री जिंदल हैं। इस तरह हरियाणा विधानसभा में संख्याबल के लिहाज से भाजपा की ताकत 51 तक पहुंच गई है।
उल्लेखनीय है कि 90 सीटों वाली विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा (46) पार करते हुए कुल 48 सीटें जीती हैं और नायब सिंह सैनी की अगुआई में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। वहीं कांग्रेस को 37 सीटों से ही संतोष करना पड़ा जबकि आईएनएलडी ने दो सीटों पर जीत दर्ज की और तीन निर्दलीय विधायक भी चुने गए।
देवेंद्र कादयान बोले – ‘हम गन्नौर के विकास के लिए भाजपा का समर्थन करेंगे‘
इस बीच गन्नौर विधानसभा सीट से निर्वाचित देवेंद्र कादयान कहा, ‘मैं भाजपा सरकार को समर्थन दे रहा हूं। गन्नौर की 36 बिरादरियों ने मुझे वोट दिया है और उनकी उम्मीदें तभी पूरी हो सकती हैं, जब मैं सरकार के साथ जाऊं। हम गन्नौर के विकास के लिए भाजपा का समर्थन करेंगे। मैं पहले भी भाजपा में था और यह सभी मेरे परिवार की तरह हैं। मैं पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं, लेकिन सरकार का समर्थन करूंगा।” उल्लेखनीय है कि कादयान ने भाजपा के बागी उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की है।
भाजपा में वापसी की संभावनाओं से किया इनकार
हालांकि भाजपा पहले ही बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है, इसके बावजूद कादयान का यह समर्थन पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। कादयान ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका भाजपा में वापसी करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन गन्नौर की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वे सरकार के साथ रहेंगे।
बहादुरगढ़ से जीते राजेश जून ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की
उधर बहादुरगढ़ से जीत हासिल करने वाले राजेश जून ने केंद्रीय मंत्री और हरियाणा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के घर पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर हरियाणा भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली भी मौजूद थे। राजेश जून ने बहादुरगढ़ सीट से भाजपा उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की है।
भाजपा का टिकट न मिलने पर सावित्री जिंदल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था
वहीं हिसार से जीत दर्ज करने वाली भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है। जिंदल ने मार्च में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी, लेकिन पार्टी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा। भाजपा को समर्थन देने के मद्देनजर सावित्री जिंदल अपने बेटे और भाजपा सांसद नवीन जिंदल के साथ दिल्ली में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा सांसद बिप्लब कुमार देब से मुलाकात की।