Site icon hindi.revoi.in

बीमार मनमोहन सिंह को संसद में लाने पर भड़की भाजपा, कांग्रेस और AAP ने दी संविधान की दुहाई

Social Share

नई दिल्ली, 8 अगस्त। दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में सोमवार को हुए घमासान में उम्मीदों के अनुरूप एनडीए गठबंधन को भले ही 131-102 मतों से जीत मिली, लेकिन INDIA के नाम से एकजुट हुए गठबंधन ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। इस क्रम में कांग्रेस ने वोटिंग में एक-एक वोट के लिए कड़ी मशक्कत की। यहां तक कि स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे 90 वर्षीय पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह को भी उसने सदन में वोटिंग के लिए बुलाया था, जो पूरी बहस और वोटिंग के दौरान ह्वीलचेयर पर बैठे नजर आए।

फिलहाल अस्वस्थ मनमोहन सिंह को राज्यसभा में बुलाए जाने को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा ने मनमोहन सिंह को उम्र और खराब तबीयत के बाद भी सदन बुलाने को अमानवीय बताया है। हालांकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस बाबत संविधान की दुहाई दी है।

भाजपा बोली – देश कांग्रेस के इस पागलपन को याद रखेगा

भाजपा ने ट्वीट कर कहा कि देश कांग्रेस के इस पागलपन को याद रखेगा। भाजपा ने ट्वीट किया, ‘याद रखेगा देश, कांग्रेस की ये सनक! कांग्रेस ने सदन में एक पूर्व प्रधानमंत्री को देर रात स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति में भी ह्वीलचेयर पर बैठाए रखा वो भी सिर्फ अपना बेईमान गठबंधन जिंदा रखने के लिए! बेहद शर्मनाक!’

वहीं इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस ने मनमोहन सिंह की संसद में उपस्थिति को संविधान के सम्मान से जोड़ा है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘लोकतंत्र के लिए डॉक्टर साहब का यह समर्पण बताता है कि वह देश के संविधान में कितनी आस्था रखते हैं।’

कांग्रेस का तंज – भाजपा ने अपने वरिष्ठों को मानसिक तौर पर कोमा में भेज दिया है

श्रीनेत ने इस बात को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के सम्मान से भी जोड़ दिया। उन्होंने लिखा, ‘ऐसे वक्त में जब भाजपा ने अपने वरिष्ठों को मानसिक तौर पर कोमा में भेज दिया है तो वहीं मनमोहन सिंह हमारे लिए प्रेरणा और साहस बने हुए हैं। अपने मास्टर को बताइए कि वे कुछ सीखें।’

राघव चड्ढा ने भी मनमोहन सिंह की जमकर तारीफ की

कांग्रेस के अलावा AAP सांसद राघव चड्ढा ने भी मनमोहन सिंह की जमकर तारीफ की है। राघव ने लिखा, ‘राज्यसभा में मनमोहन सिंह काले अध्यादेश के खिलाफ हमारे लिए एक मशाल बनकर बैठे रहे। लोकतंत्र और संविधान के लिए उनका समर्पण हमारे लिए प्रेरणा की बात है। हम उनका बहुत सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं। धन्यवाद सर!’

मनमोहन सिंह के अलावा बीमार शिबू सोरेन भी थे मौजूद

दरअसल विपक्ष ने दिल्ली सेवा बिल को राज्यसभा में रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी थी, इसके बाद भी उसे एनडीए के मुकाबले 102 वोट ही मिल सके। मनमोहन सिंह के अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन भी खराब स्वास्थ्य के बावजूद सदन में आए थे। हालांकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन की वजह से बड़ी बढ़त मिल गई। इसके अलावा टीडीपी का भी एक वोट हासिल हो गया। इस तरह भाजपा ने विपक्षी एकजुटता के बाद भी बाजी मार ली।

Exit mobile version