नई दिल्ली, 6 अप्रैल। भारत हनुमान जी की तरह शक्तिशाली है, लेकिन 2014 से पहले उसे अपने समार्थ्य का अहसास ही नहीं था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 44वें स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत अपनी ताकत जानता है, पहचानता है। प्रधानमंत्री ने हनुमान जयंती और बीजेपी के स्थापना दिवस के संयोग से ऐसा चित्र उकेरा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के दिल बाग-बाग हो गए।
उन्होंने बजरंगबलि की शक्तियों की याद दिलाकर कहा कि भारत भी वही हनुमान है जिसे 2014 से पहले अपनी ताकत का आभास ही नहीं था। आज भारत अपने शक्तियों को पहचानकर सफलता को सीढ़ियां चढ़ रहा है। उन्होंने हनुमान जी के जीवन चरित को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार के अभियान से भी जोड़ दिया। पीएम ने कहा कि भ्रष्टाचारियों की तुलना राक्षसों से करते हुए कहा कि हनुमान वक्त पड़ने पर उतने ही कठोर भी हो जाते थे।
हनुमान जी की एक और बात से प्रेरणा मिलती रहती है हमें। जब हनुमान जी को राक्षसों का सामना करना पड़ा था, तब वो उतने ही कठोर भी हो गए थे। इसी तरह जब भ्रष्टाचार की बात आती है, परिवारवाद की बात आती है, कानून-व्यवस्था की बात आती है तो भाजपा उतनी ही संकल्पबद्ध हो जाती है- मां भारती को इन बुराइयों से मुक्ति दिलाने के लिए। कठोर होना पड़े तो कठोर भी हों। हमारे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा क्या है- आज की आधुनिक परिभाषा में जिन बातों का बार-बार जिक्र किया जाता है। वो है- कैन डू एटिट्यूड।
अगर हनुमान जी का पूरा जीवन देखें तो डगर-डगर पर, पल-पल हनुमान जी के भीतर की कैन डू एटिट्यूट, कैन डू संकल्पशक्ति उनको हर प्रकार की सफलता लाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करती है। कहा भी गया है- कवन सो काज कठिन जग मांही, जो नहीं होई तात तुम्हीं पाई। यानी, ऐसा कोई भी काम नहीं है जो पवन पुत्र हनुमान कर नहीं सकते।