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यूपी उपचुनाव : सपा के किले में भाजपा की सेंध, आजमगढ़ में निरहुआ तो रामपुर में लोधी की जीत लगभग तय

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लखनऊ, 26 जून। उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और पार्टी के कद्दावर नेता मो. आजम खान के किले में सेंध मारने की तैयारी कर ली है। इस क्रम में रविवार को हो रही मतगणना में अंतिम समाचार मिलने तक दोनों सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने बढ़त हासिल कर ली थी और उनकी जीत लगभग पक्की हो चुकी है।

दिनेश लाल निरहुआको धर्मेंद्र यादव पर 11 हजार वोटों की बढ़त

निर्वाचन आयोग के अनुसार आजमगढ़ में जारी मतगणना में अंतिम समचार मिलने तक भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने कई चक्रों की उठापटक के बाद अपने निकटतम प्रत्याशी सपा के धर्मेंद्र यादव के मुकाबले 11 हजार से ज्यादा मतों की बढ़त बना रखी थी। निरहुआ को 2,94,377 मत मिले थे जबकि धर्मेंद्र यादव को 2,83,164 मिले थे। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के खाते में उस समय तक 2,52,725 मत थे।

गौरतलब है कि आजमगढ़ लोकसभा सीट मुलायम सिंह का गढ़ मानी जाती रही है, जहां 2019 में मुलायम के पुत्र और मौजूदा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निरहुआ को ही बड़े अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। लेकिन बीते विधानसभा चुनाव में करहल सीट से जीत हासिल करने के बाद अखिलेश ने आजमगढ़ लोकसभा सीट छोड़ने का फैसला किया, जिसके चलते यहां उपचुनाव कराया गया।

रामपुर में घनश्याम लोधी 42 हजार से ज्यादा वोटों से आगे

उधर मो. आजम खान के गढ़ रामपुर में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी ने सपा उम्मीदवार मो. आसिम रजा के खिलाफ अंतिम समाचार मिलने तक 42 हजार से ज्यादा मतों से अग्रता ले रखी थी। निर्वाचन आयोग से मिली अंतिम सूचना के अनुसार लोधी जब 3,67,397 मत हासिल कर चुके थे, तब आसिम रजा को 3,25,205 मत मिले।

शुरुआती कई चक्रों की मतगणना तक आसिम रजा ने बढ़त हासिल कर रखी थी। लेकिन लोधी ने न सिर्फ आसिम की लीड काटी वरन खुद मजबूत बढ़त बनाकर जीत की ओर कदम बढ़ा दिए। इस सीट पर बसपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है।

रामपुर को मो. आजम खान का गढ़ इसलिए माना जाता है कि वह यहां से 10वीं बार जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वह विजयी रहे थे। लेकिन इस वर्ष विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने लोकसभा सीट छोड़ दी, जिसके कारण यहां उपचुनाव कराया गया। आजमगढ़ व रामपुर में गत 23 जून को वोटिंग हुई थी।