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बिहार विधान परिषद चुनाव : 24 सीटों के चुनाव को लेकर भाजपा और जदयू में बनी सहमति

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पटना, 29 जनवरी। बिहार में स्थानीय प्राधिकार कोटे से विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर भाजपा और जदयू के बीच लंबे समय से चल रही तकरार का शनिवार को अंत हो गया और दोनों दल के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर सीटों के बंटवारे की घोषणा की।

इसके पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने पहुंचे भाजपा के बिहार प्रभारी व केंद्रीय श्रम संसाधन मंत्री भूपेंद्र यादव के बीच इस मुद्दे को लेकर लगभग एक घंटे तक विचार-विमर्श हुई। इसी दौरान दोनों पार्टियों की तरफ से चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर सहमति बनी।

भाजपा 12, जदयू 11 और रालोजपा एक सीट पर लड़ेगी

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व जदयू की तरफ से शिक्षा मंत्री विजय चौधरी और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में आहूत संयुक्त पत्रकार वार्ता में एलान किया गया कि 12 सीटों पर भाजपा, 11 सीटों पर जदयू और एक सीट भाजपा अपने कोटे से पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी (रालोजपा) को देगी।

भूपेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा-जदयू की सरकार चार विधानसभा चुनावों में लगातार जनता का आशीर्वाद लेकर जनता की सेवा कर रही है। दोनों दल आपस में सम्मानपूर्वक काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में 16 वर्षों से विकास के काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां विधान परिषद चुनाव साथ मिलकर मजबूती से लड़ेंगी।

वहीं, जदयू की ओर से राज्य सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने कहा, ‘भाजपा अपनी 13 सीटिंग सीटों पर लड़ना चाह रही थी, लेकिन हमारी इच्छा थी कि आधा-आधा के आधार पर बंटवारा हो। भाजपा ने कहा कि उसे एक सहयोगी पार्टी रालोजपा को देना है, सो जदयू ने भी एक सीट पर दावा कम कर 11 सीटों पर लड़ने का फैसला लिया।’

इन सीटों से लड़ेंगी भाजपा, जदयू और रालोजपा

भाजपा जिन 13 सीटों पर लडेगी, उनमें रोहतास, औरंगाबाद, सारण, सीवान, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, गोपालगंज, बेगूसराय और वैशाली हैं। इसमें से भाजपा वैशाली सीट पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा के लिए छोड़ेगी। वहीं जदयू पटना, भोजपुर, गया, नालंदा, मुजफ्फरपुर, प. चंपारण, सीतामढी, भागलपुर, मुंगेर, नवादा और मधुबनी सीट पर लडेगी।

हम और वीआईपी को कोई सीट नहीं, उन्हें भरोसा दिया जाएगा

वहीं, पत्रकारों ने जब यह पूछा कि जीतन राम मांझी (हम) और मुकेश सहनी (वीआईपी) के लिए कोई भी सीट नहीं छोड़ी गई, इस पर चौधरी ने कहा कि उन्हें विश्वास में लिया जायेगा। भूपेंद्र यादव ने भी कहा कि सहयोगी पार्टियों को भी विश्वास में लिया जाएगा। यानी उन्हें सीट नहीं भरोसा दिया जाएगा।

जुलाई, 2021 से ही 24 सीटें रिक्त हैं

गौरतलब है कि राज्य में जुलाई, 2021 से ही 24 सीटें रिक्त हैं। स्थानीय निकाय प्राधिकार क्षेत्र से कार्यकाल पूरा करने वाले 19 विधान पार्षद हैं जबकि तीन विधान पार्षद चुनाव लड़कर विधायक बन चुके हैं। वहीं, दो विधान पार्षदों – हरिनारायण चौधरी और सुनील कुमार सिंह के निधन से सीटें पहले ही रिक्त हो गई थीं।