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महाराष्ट्र संकट : भाजपा की गतिविधियां तेज, आज दिल्ली में देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे की मुलाकात संभव

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मुंबई/नई दिल्ली, 28 जून। महाराष्ट्र में व्याप्त राजनीति संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अंदरखाने गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में एकनाथ शिंदे के अगुआई वाले शिवसेना के बागी धड़े की भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाने की चर्चाएं भी हो रही हैं। सूत्रों का यहां तक कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज शाम तक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडवणीस और एकनाथ शिंदे के बीच इसी सिलसिले में महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है।

गौरतलब है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई तक एक तरह से बागी गुट को राहत दे दी है। उसके बाद भी भाजपा की सक्रियता बढ़ी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वरिष्ठ भाजपा नेता फडणवीस दिल्ली रवाना हो चुके हैं। वहीं 40 से ज्यादा बागी विधायकों के साथ पिछले एक हफ्ते से भी ज्यादा समय से गुवाहाटी में डेरा जमाए एकनाथ शिंदे वहां एक बैठक के बाद दिल्ली जाकी उड़ान पकड़ेंगे।

भाजपा संग इन शर्तों पर बन सकती है शिंदे गुट की सरकार

सूत्रों पर भरोसा करें तो शिवसेना के बागी विधायक भाजपा के साथ मिलकर कुछ शर्तों के साथ महाराष्ट्र में सरकार बना सकते हैं। इसमें शिंदे को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। वहीं शिंदे गुट के विधायकों में से आठ को कैबिनेट मंत्री और 5 को राज्य मंत्री का दर्ज मिल सकता है। नई सरकार में भाजपा के 29 कैबिनेट मंत्री होंगे।

गौरतलब है कि शिंदे गुट के साथ मौजूदा सरकार के आठ मंत्री हैं। ऐसे में शिंदे गुट वही मंत्रालय चाहता है, जो इन विधायकों के पास पहले से थे। शिंदे यह भी चाहते हैं कि जो निर्दलीय विधायक बागी गुट के साथ आए हैं, उनको भाजपा अपने कोटे में से मंत्री बनाए।

भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं करेगी, सुप्रीम कोर्ट जाएगी शिवसेना!

हालांकि बताया यह भी जा रहा है कि भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं करेगी। यदि बागियों की तरफ से सरकार बनाने का ऑफर मिला तो उसपर सोचा जाएगा।

दूसरी तरफ सीएम उद्धव ने आज ही महाराष्ट्र कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। जानकारी सामने आ रही है कि अगर राज्यपाल ने सरकार से फ्लोर टेस्ट के लिए कहा तो शिवसेना सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है।

राज्यपाल ने उद्धव सरकार से बीते कुछ दिनों में लिए गए फैसलों की फाइलें तलब कीं

इस बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी एक्शन मोड में हैं। उन्होंने उद्धव सरकार से बीते कुछ दिनों में लिए गए फैसलों की फाइलें मंगाई हैं। राज्यपाल ने 22, 23 और 24 जून को लिए फैसलों और निबटाई गई फाइलों की जानकारी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक इन तीन दिनों में उद्धव सरकार ने 200 से ज्यादा फाइलों को निबटाया और सरकारी प्रस्ताव जारी किए।

भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने राज्यपाल को पत्र लिख कर शिकायत की थी कि अस्थिरता और बगावत के बीच उद्धव सरकार ने आनन-फानन में कई फाइलों को निबटाया है। 24 जून को प्रवीण दारेकर ने राज्यपाल से शिकायत की और 24 जून को ही राज्यपाल के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव से चिट्ठी लिखकर जवाब मांगा था।