नई दिल्ली, 24 अक्टूबर। भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा करने वाला सीमा सुरक्षा बल (BSF) इन दिनों इस सीमा पर खास तरह के बायोमेट्रिक स्कैनर लगा रहा है। इसमें बांग्लादेश की तरफ से भारत में घुसपैठ करने वाले तमाम घुसपैठियों की फोटो समेत बायोमेट्रिक डिटेल लिया जा रहा है। इस तरह के अब तक 296 स्कैनर लगा दिए गए हैं। आने वाले समय में एक हजार से अधिक स्कैनर और लगाए जाएंगे।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर अब तक 296 खास बायोमेट्रिक स्कैनर लगाए गए
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस खास सिस्टम को तीन माह पहले ही लॉन्च किया गया है। इसके अच्छे परिणाम भी आने शुरू हो गए। इससे उत्साहित होकर अब तक भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर 296 खास बायोमेट्रिक स्कैनर लगा दिए गए हैं। अधिकतर स्कैनर पश्चिम बंगाल से साझा करने वाली बांग्लादेश सीमा पर लगाए गए हैं। ऐसे स्कैनर आने वाले दिनों में त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय और असम बॉर्डर पर भी लगाए जाएंगे। अधिकारी ने बताया कि इस खास स्कैनर के बारे में सारी जानकारी तो साझा नहीं की जा सकती। लेकिन इतना जरूर बता सकता हूं कि इस स्कैनर के आने वाले समय में बड़े फायदे सामने आएंगे।
अधिकारी ने बताया, ‘मोटे तौर पर अभी इसमें हम बांग्लादेश की तरफ से भारत में घुसपैठ करने वाले तमाम तरह के घुसपैठियों की बायोमेट्रिक पहचान कैद कर रहे हैं। इसमें चाहे वह भारत में अशांति फैलाने की नीयत से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है या कोई तस्कर है अथवा भारत में अवैध रूप से बसने की फिराक वाले। इस तरह का डेटा बेस तैयार किया जा रहा है।’
बॉर्डर के हर प्वॉइंट का लेखा बनाया जा रहा
उन्होंने बताया कि बॉर्डर के हर प्वॉइंट का लेखा बनाया जा रहा है। इसमें भारत की तरफ से अवैध रूप से बांग्लादेश जाने वालों को भी रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है। जो लोग बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ करते और भारत से बांग्लादेश जाने की कोशिश करते हुए पकड़े जा रहे हैँ। उन सभी का रिकॉर्ड इस खास स्कैनर में रखा जा रहा है। इसका फायदा यह होगा कि जब भी कोई घुसपैठिया दूसरी बार पकड़ा जाएगा, उसका सारा डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा क्योंकि बीएसएफ इस रिकॉर्ड को एफआरआरओ को भी साझा करेगा।
जम्मू-कश्मीर और पंजाब बॉर्डर पर भी लगेंगे स्कैनर
इसके बाद इस तरह के खास स्कैनर को जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भारत-पाकिस्तान समेत अन्य बॉर्डर पर भी लगाए जाने की योजना है, ताकि पकड़े जाने वाले तमाम घुसपैठियों का डिजिटल रिकॉर्ड भारत के पास रहे।

