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संसद का शीतकालीन सत्र : चुनाव सुधार से जुड़ा विधेयक राज्यसभा में भी पास

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नई दिल्ली, 21 दिसंबर। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को राज्यसभा में भी चुनाव सुधार से संबंधित बिल पास हो गया। कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने यह बिल विचार और पारित करने के लिए पेश किया।  विपक्षी सदस्यों के विरोध और हंगामे के बीच ‘निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ को ध्वनिमत से मंजूरी मिली। बिल पास होने के दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।

बिल को अब राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा

इससे पहले सोमवार को वोटर आईडी से आधार को जोड़ने के प्रावधान वाले इस बिल को लोकसभा से मंजूरी मिली थी। संसद के दोनों सदनों में बिल के पास होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे

बिल को लेकर विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं। विपक्ष का कहना है कि ‘आधार कार्ड का वोटर कार्ड से लिंक करने की पहल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। साथ ही आधार कार्ड में वोटर कार्ड से ज्यादा गलतियां सामने आई हैं।’

चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक पर टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा, ‘हम भारत के लोग जो संविधान में बहुत महत्वपूर्ण है उसको ये नहीं मानते, अगर मानते तो उसके लिए समय देते। विपक्ष का काम है जनता की आवाज़ उठाना, उसके लिए भी समय नहीं दिया। इतनी जल्दबाजी में अच्छा काम नहीं होता।’

यह बिल सार्वभौमिक मताधिकार के खिलाफ : ओवैसी

वहीं एआईएमआईएम सांसद और पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, यह पुट्टस्वामी के फैसले के खिलाफ है। सरकार के पास ऐसे कानून बनाने की विधायी शक्ति नहीं है। आधार में वोटर लिस्ट से 1.5 फीसदी ज्यादा गलतियां हैं। यह बिल सार्वभौमिक मताधिकार के खिलाफ है।’

रिजिजू बोले – चुनाव प्रक्रिया स्वच्छ बनाने के लिए मतदाता सूची का साफ होना जरूरी

‘चुनाव अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021’ को कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि पक्ष-विपक्ष और संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए विधेयक पर चुनाव आयोग और कानून मंत्रालय के साथ विस्तार से चर्चा की गई है। सब इसका समर्थन कर रहे हैं, 1-2 लोग ही इसे विवादित मुद्दा बनाना चाहते हैं।

उन्होंने बिल के पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया को स्वच्छ बनाने के लिए मतदाता सूची को साफ होना जरूरी है। इस कदम से फर्जी वोटर पर लगाम लगेगी। उन्होंने यह भी कहा बिल के प्रावधान के अनुसार, आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ना अनिवार्य नहीं, बल्कि स्वैच्छिक होगा। जो एक पात्र आम आदमी के लिए अच्छा है।