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भारत दौरे पर आ रहे बिलावल भुट्टो बोले – इसे द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए

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इस्लामाबाद, 21 अप्रैल। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि भारत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में उनकी भागीदारी एससीओ के चार्टर के प्रति इस्लामाबाद की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और इसे द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए।

‘हम एससीओ चार्टर के लिए प्रतिबद्ध हैं

बिलावल भुट्टो ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि वह अगले महीने गोवा में होने वाली विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम एससीओ चार्टर के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस यात्रा को द्विपक्षीय दौरे के रूप में नहीं बल्कि एससीओ के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।’

गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि गोवा में चार व पांच मई को प्रस्तावित एससीओ विदेश मंत्रियों (सीएफएम) की बैठक में भुट्टो जरदारी पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने गुरुवार को ही एक साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि भुट्टो जरदारी विदेश मंत्री एस. जयशंकर के निमंत्रण पर एससीओ-सीएफएम बैठक में भाग ले रहे हैं। मुमताज बलूच ने कहा था, ‘बैठक में हमारी भागीदारी एससीओ चार्टर और प्रक्रिया के प्रति पाकिस्तान की निरंतर प्रतिबद्धता और पाकिस्तान द्वारा अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में क्षेत्र को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है।”

उल्लेखनीय है कि भारत ने आगामी विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए पाकिस्तान और चीन सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्यों को औपचारिक रूप से निमंत्रण भेजा है। चीनी विदेश मंत्री किन गैंग और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के भी बैठक में भाग लेने की संभावना है। भारत ने पिछले साल सितम्बर में 9-सदस्यीय मेगा ग्रुपिंग की अध्यक्षता संभाली थी और इस साल प्रमुख मंत्रिस्तरीय बैठकें और शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

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