पटना, 15 सितंबर। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए लाठीमार ADM केके सिंह को पटना के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर के पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया। केके सिंह पर 22 अगस्त को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर एक शिक्षक की पिटाई करने का आरोप है। केके सिंह को अब सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान करने के निर्देश दिए गए हैं।
- एडीएम केके सिंह ने शिक्षक अभ्यर्थी की लाठी से की थी पिटाई
बता दे कि 22 अगस्त को, पटना के डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने भर्ती में देरी के विरोध में सैकड़ों इच्छुक शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया था। इस दौरान बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (बीटीईटी) और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के कई उम्मीदवार घायल हो गए थे और विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में भी लिए गए थे। इसी दौरान एक अभ्यर्थी अनुसर रहमान की एडीएम केके सिंह ने लाठी से जमकर पिटाई कर दी थी। उस समय रहमान के हाथों में राष्ट्रीय ध्वज भी था लेकिन केके सिंह उस पर लाठी भांजते रहे। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।
- जांच में दोषी पाए गए एडीएम केके सिंह
वीडियो वायरल होने के बाद नीतीश सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने भी आनन-फानन में आरोपी अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश जारी कर दिए थे। जांच के दौरान पटना के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर के पद पर तैनात केके सिंह को शिक्षक अभ्यर्थी को लाठी से मारने और तिरंगे का अपमान करने का दोषी पाया गया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर केके सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया।
- शिक्षक अभ्यर्थी पिछले तीन साल से कर रहे हैं प्रदर्शन
बता दें कि प्रदर्शनकारी पिछले तीन साल से बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें 2021 में वादा किया गया था कि इस साल जनवरी तक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। जब ऐसा नहीं हुआ, तो पात्र उम्मीदवारों ने मई में विरोध किया, जिसके बाद उन्हें आश्वस्त किया गया कि अगस्त तक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। 22 अगस्त को प्रत्याशी सड़कों पर उतरे थे।