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बिहार : पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया के निधन पर राजकीय शोक, नीतीश ने जताई शोक संवेदना

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पटना, 20 मई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया के निधन पर शोक व्यक्त किया है। इसके साथ ही दिवंगत नेता के सम्मान में राज्य में एक दिन (20 मई) का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश ने अपने शोक संदेश में कहा है, ‘जगन्नाथ पहाड़िया एक प्रख्यात राजनेता थे। वह तीन मार्च, 1989 से दो फरवरी, 1990 तक बिहार के राज्यपाल रहे थे। पहाड़िया जी बेहद मृदुभाषी, मिलनसार एवं लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे। उन्होंने लम्बे समय तक मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं केंद्रीय मंत्री के रूप में देश की सेवा की थी। उनके निधन से पूरे देश के राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।’

नीतीश कुमार ने दिवंगत नेता की चिर शांति और उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित 89 वर्षीय जगन्नाथ पहाड़िया का बुधवार को निधन हो गया था। पहाड़िया गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां कल देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका आज अंतिम गुरुग्राम में ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।

उधर जयपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी सहित अन्य नेताओं ने भी पहाड़िया के निधन पर शोक व्यक्त किया। राजस्थान सरकार ने भी दिवंगत नेता के सम्मान में एक दिन (20 मई) के राजकीय शोक घोषणा की थी। इस क्रम में राज्य के सरकारी दफ्तरों में गुरुवार को छुट्टी थी जबकि सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया गया था।

जगन्नाथ पहाड़िया सिर्फ 13 माह (छह जून, 1980 से14 जुलाई,1981 तक) के लिए ही राजस्थान के पहले दलित मुख्यमंत्री रहे। लेकिन अपने छोटे से कार्यकाल में उन्होंने प्रदेश में पूरी तरह शराबबंदी लागू कर काफी लोकप्रियता बटोरी थी।

जगन्नाथ पहाड़िया वर्ष 1957 से 1980 के बीच चार बार सांसद और 1980 से 2003 के बीच चार बार विधायक रहे। वह इंदिरा गांधी की कैबिनेट में मंत्री भी रहे। उनके पास वित्त, उद्योग, श्रम, कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभाग रहे। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद संभालने के अलावा वह वर्ष 1989 से 90 तक एक साल के लिए बिहार और वर्ष 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रहे।

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