पटना, 12 मई। जन अधिकार पार्टी (जपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की गिरफ्तारी का अब बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदर ही विरोध होने लगा है, जिसके चलते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में अलग-थलग पड़ गए हैं।
गौरतलब है कि पप्पू यादव को बीते मंगलवार को पटना में गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी 32 वर्ष पुराने एक अपहरण केस में हुई है। पटना से उन्हें मधेपुरा लाया गया,जहां कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पप्पू यादव को सुपौल जिले की वीरपुर जेल में रखा गया है।
फिलहाल बेगुसराय के पूर्व सांसद और नीतीश कुमार के करीबी नेता मोनाजिर हसन ने पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा है कि इसकी जितनी निंदा की जाए, वह कम है। पप्पू यादव गरीबों के मसीहा के तौर पार काम कर रहे थे। हसन ने कहा कि गिरफ्तारी तो छपरा के डीएम और राजीव प्रताप रूडी की होनी चाहिए थी।
दूसरी तरफ पूर्व विधायक व जदयू नेता विजयेंद्र यादव ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मानवता के आधार पर राजीव प्रताप रूडी को एक मिनट भी सांसद रहने का अधिकार नहीं है। पप्पू यादव को मानवता के आधार पर सरकार को छोड़ना चाहिए। एंबुलेंस प्रकरण की जांच कर डीएम को बर्खास्त और सांसद का इस्तीफा कराना चाहिए।
एमएलसी रजनीश कुमार ने भी पप्पू यादव की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्हें अविलम्ब रिहा किए जाने की मांग की है। बिहार एनडीए में शामिल दूसरे सहयोगियों हम और वीआईपी भी पप्पू की गिरफ्तारी का विरोध कर चुके हैं। जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी ने पहले ही इस गिरफ्तारी का विरोध किया था। प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित अन्य पार्टियां भी इस मामले में सरकार की आलोचना कर रही हैं।
दिलचस्प तथ्य यह है कि पहले सारण प्रशासन ने पप्पू यादव के खिलाफ मारपीट और लॉकडाडन का उल्लंघन करने के मामले में दो एफआईआर दर्ज की थी। दरअसल, पिछले हफ्ते पप्पू यादव ने सारण पहुंच कर अमनौर के जयप्रभा सामुदायिक केंद्र पर 30 से अधिक एंबुलेंस रखने का मामला उठाया था। ये एंबुलेंस सारण के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के सांसद मद से खरीदी गई थीं। उसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ लिया और एफआईआर दर्ज करने के बाद उनकी गिरफ्तार की गई थी।