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जैन समुदाय की बड़ी जीत : झारखंड में धार्मिक स्थल ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को पर्यटन स्थल में बदलने पर केंद्र ने लगाई रोक

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नई दिल्ली, 5 जनवरी। विभिन्न शहरों में जैन समुदाय द्वारा जारी विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार को धार्मिक स्थल ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को पर्यटन स्थल में बदलने के झारखंड सरकार के फैसले पर रोक लगा दी।

पारसनाथ हिल्स में पर्यटन को बढ़ावा देने के मुद्दे पर समिति गठित

केंद्र सरकार ने इसी क्रम में गिरिडीह में जैन समुदाय के सबसे पवित्र स्थानों में से एक पारसनाथ हिल्स में पर्यटन को बढ़ावा देने के मुद्दे की देखभाल के लिए एक समिति भी बनाई है। इसके अलावा झारखंड सरकार को शराब बेचने और सेवन करने या धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थानों को अपवित्र करने सहित वर्जित व्यवहारों के खिलाफ सख्त काररवाई करने का भी निर्देश दिया है।

केंद्र का यह फैसला जैन समुदाय के लिए बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है, जो दिल्ली, मुंबई, भोपाल, अहमदाबाद और सूरत की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे इस स्थान को पर्यटन स्थल घोषित करने वाली सभी अधिसूचनाओं को रद करने की मांग कर रहे हैं। बेहद कम आबादी वाले अल्पसंख्यक समुदाय को डर है कि इससे क्षेत्र में शराब और मांसाहारी भोजन की खपत हो सकती है, जिससे उनकी भावनाएं आहत होंगी।

जैन समुदाय के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है श्री सम्मेद शिखरजी

झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ी स्थित श्री सम्मेद शिखरजी, रांची से लगभग 160 किलोमीटर दूर राज्य की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है। यह जैन समुदाय के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, जिसमें दिगंबर और श्वेतांबर दोनों संप्रदाय शामिल हैं, क्योंकि 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 ने इस स्थान पर मोक्ष प्राप्त किया था।

पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित नहीं किए जाने की मांग पर अड़ा जैन समुदाय

जैन समुदाय अपनी इस मांग पर अड़ा हुआ है कि पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि उसे आशंका है कि ऐसा होने से वहां पर होटल, बार और रेस्तरां बन जाएंगे, जो वहां की पवित्रता को नष्ट कर देंगे। जैन समुदाय के सदस्यों ने 2019 की अधिसूचना को वापस लेने की मांग को लेकर मंगलवार को राज्य की राजधानी स्थित राजभवन तक मार्च किया था।

आंदोलन के दौरान उपवासरत जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज का निधन

आंदोलन के ही क्रम में झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ उपवास व्रत कर रहे जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज (72) का मंगलवार को जयपुर में निधन हो गया था। सुज्ञेयसागर महाराज ने गत 25 दिसम्बर से कुछ नहीं खाया था।

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