मुंबई, 30 मार्च। अमेरिका में काम करने वाले भारत सहित अन्य विदेशी कर्मचारियों को राहत की खबर मिली, जब एक अमेरिकी अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि H-1B वीजाधारक के जीवनसाथी को देश में काम करने की अनुमति है।
अमेरिकी जिला न्यायाधीश तान्या चुटकन ने सेव जॉब्स यूएसए द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी। H-1B वीजाधारकों की कुछ श्रेणियों के जीवनसाथी को रोजगार प्राधिकरण कार्ड देने वाले ओबामा-युग के नियमों को पलटने के लिए अदालत में याचिका दायर की गई थी।
इस याचिका का Amazon, Apple, Google और Microsoft जैसी टेक कम्पनियों ने विरोध किया था। अमेरिका ने अब तक लगभग 100,000 H-1B कर्मचारियों के जीवनसाथी को काम के अधिकार जारी किए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं।
अजय भुटोरिया ने अदालत के फैसले का किया स्वागत
अप्रवासियों के वकील और प्रमुख समुदाय के नेता अजय भुटोरिया ने अदालत के फैसले का स्वागत किया। H-1B वीजा कुशल विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका आने और वहां की कम्पनियों के लिए काम करने की अनुमति देने के लिए बनाया गया है। साथ ही अब तक एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी को काम करने की अनुमति नहीं थी। अक्सर परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता था।
H-1B और L-1 वीजा को बदलने के लिए अमेरिकी सीनेट में विधेयक
उल्लेखनीय है कि प्रभावशाली सांसदों के एक समूह ने H-1B और L-1 वीजा कार्यक्रमों में परिवर्तन करने और विदेशी कर्मचारियों की भर्ती में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए अमेरिकी सीनेट में एक विधेयक पेश किया है। H-1B वीजा एक ऐसा वीजा है, जो अमेरिकी कम्पनियों को तकनीकी कौशल की आवश्यकता वाले विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। कम्पनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर भरोसा करती हैं।
L-1 एक अन्य प्रकार का वर्क वीजा है, जो उन प्रोफेशनल को दिया जाता है, जो अमेरिका में काम करना चाहते हैं। L-1 वीजा उन लोगों को जारी किया जाता है, जो पहले से ही किसी दूसरे देश में किसी कम्पनी द्वारा नियोजित हैं और यूएस स्थित कार्यालय में स्थानांतरित हो रहे हैं।