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कतर में मौत की सजा पाने वाले भारत के 8 पूर्व नेवी अधिकारियों को बड़ी राहत, अब नहीं होगी फांसी

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नई दिल्ली, 28 दिसम्बर। जासूसी के एक मामले में कतर में मौत की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को बड़ी राहत मिली, जब उनकी मौत की सजा पर रोक लगा दी गई है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

ये सभी पूर्व नौसैनिक पिछले वर्ष अगस्त से ही कतर की जेल में बंद हैं

भारतीय नौसेना के ये सभी आठ पूर्व अधिकारी पिछले वर्ष अगस्त से ही कतर के जेल में बंद हैं। कतर ने अब तक इन सभी पूर्व ऑफिसर्स के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जानकारी नहीं दी है। हालांकि, मामले से परिचित लोगों का कहना है कि इन सभी पर जासूसी करने का आरोप लगाया गया है।

फांसी की सजा पर लगी रोक

भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘दहरा ग्लोबल केस में गिरफ्तार पूर्व नेवी ऑफिसरों को लेकर आए आज के उस फैसले पर हमने गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं। कतर के कोर्ट ऑफ अपील के विस्तृत फैसले की हम प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके अलावा हमारा अगला कदम क्या होगा, इस पर भी निर्णय लेने के लिए हम कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ भी संपर्क में हैं।’

विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दी जानकारी

बयान में आगे कहा गया है, ‘कतर के कोर्ट ऑफ अपील में आज हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी के साथ सजा पाने वाले ऑफिसर के परिवारीजन भी मौजूद थे। मामले की शुरुआत से ही हम उनके साथ खड़े हैं और हम आगे भी सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। इसके अलावा इस मामले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाना जारी रखेंगे। मामले की गंभीरता और जरूरी गोपनीयता को देखते हुए इस समय इस पर कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।’

निजी कम्पनी में काम कर रहे थे सभी पूर्व ऑफिसर

ये सभी लोग कतर की एक निजी कम्पनी में काम कर रहे थे। यह कम्पनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। मीडिया खबरों के अनुसार कम्पनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है। कम्पनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है। रॉयल ओमान वायु सेना रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल अजमी इस कम्पनी के सीईओ हैं।

कतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व नौसैनिकों में से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (रि.) भी शामिल हैं। इन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। कम्पनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार पूर्णेंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं।

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