नई दिल्ली, 19 जनवरी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी के खेमे में लगातार सेंधमारी कर रही समाजवादी पार्टी को आज उस समय बड़ा आघात लगा, जब खुद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव भाजपा में शामिल हो गईं।
Smt. @aparnabisht7 joins BJP in presence of senior party leaders in New Delhi. #JoinBJP https://t.co/D888PAuwye
— BJP (@BJP4India) January 19, 2022
भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी की मौजूदगी में अपर्णा ने भाजपा का दामन थामा।
‘पीएम मोदी के काम की प्रशंसा करती हूं, मैं भाजपा की बहुत आभारी हूं‘
अपर्ण ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा, ‘मैं पीएम मोदी के काम की प्रशंसा करती हूं। मैं पीएम मोदी, सीएम योगी और भाजपा की बहुत आभारी हूं, जिन्होंने मुझे पार्टी में शामिल
स्वच्छ भारत मिशन, महिलाओं के लिए स्वावलंबन और स्वरोजगार योजनाओं का उल्लेख करते हुए अपर्णा ने कहा, ‘मैं शुरू से ही पीएम मोदी के कार्यों और भाजपा की कार्यशैली से प्रभावित रही हू्ं। मेरे चिंतन में राष्ट्रधर्म हमेशा सबसे पहले आता है। अब मैं राष्ट्र की आराधना करने के लिए निकली हूं। इसमें सबका सहयोग जरूरी है। मैं अपनी क्षमता से जो भी कर सकूंगी, करूंगी।’
दिलचस्प तथ्य यह है कि उत्तराखंड की अपर्णा हमेशा ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी की तारीफ करती आई हैं। उन्होंने राम मंदिर के लिए 11.11 लाख रुपये का चंदा भी दिया था। इसके साथ दत्तात्रेय होसबले के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह बनने पर उनके साथ अपनी फोटो भी शेयर की थी।
मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक की पत्नी हैं अपर्णा
गौरतलब है कि अपर्णा यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। सौतेले भाई की पत्नी के भाजपा में जाने की जब तीन दिन पूर्व अटकलें शुरू हुईं तो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था, ‘हमारे परिवार की हमसे ज़्यादा चिंता तो बीजेपी वाले कर रहे हैं।’
बीते लोकसभा चुनाव में सपा के टिकट पर अपर्णा को रीता बहुगुणा जोशी ने हराया था
अपर्णा यादव 2017 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि उन्हें भाजपा नेता डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था। हालांकि, अपर्णा ने करीब 63 हजार वोट हासिल किए थे। बाद में रीता बहुगुणा जोशी के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी, जिस पर 2019 के उपचुनाव में भाजपा के सुरेश चंद तिवारी चौथी बार विधायक बने थे।
इस सीट को लेकर भी पेंच यह है कि रीता बहुगुणा अपने बेटे के लिए टिकट की मांग कर रही हैं। चर्चा यह भी है कि यहां से कुछ और भी दावेदार हैं। सूत्रों की मानें तो भाजपा अपर्णा की सीट बदलना चाहती है, लेकिन वह चुनाव लड़ने पर सहमत हैं।