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दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को अहमदाबाद के कोर्ट से बड़ा झटका, 21 साल पुराने में केस में होगा ट्रायल

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अहमदाबाद, 9 मई। दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ आपराधिक केस चलेगा। अहमदाबाद के कोर्ट ने उनकी उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने उप राज्यपाल होने पर मिली इम्युनिटी का जिक्र करके क्रिमिनल ट्रायल से छूट मांगी थी।

अहमदाबाद की कोर्ट में एडीशनल मेट्रोपॉलिटन जज पीएन गोस्वामी ने सक्सेना की तरफ से दाखिल अर्जी को खारिज कर दिया है। सक्सेना पर आरोप है कि उन्होंने 2002 में अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर हमला किया था।

दिल्ली के उप राज्यपाल ने क्रिमिनट ट्रायल से छूट देने की मांग की थी तो वहीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की तरफ से इसका विरोध किया गया था। इसमें कहा गया था कि वे राज्यपाल नहीं है और वे छूट के हकदार नहीं है।

पाटकर की तरफ से दाखिल दलील में कहा गया था कि दिल्ली के एलजी सिर्फ राष्ट्रपति के एजेंट हैं। ऐसे में उन्हें संविधान के अनुच्छेद 361 के तरह इम्युनिटी नहीं दी जानी चाहिए। एडीशनल मेट्रोपॉलिटन जज पी एन गोस्वामी ने सुनवाई के बाद सक्सेना की अर्जी को खारिज कर दिया।

दो विधायक भी हैं आरोपित

कोर्ट के अर्जी खारिज किए जाने पर अब उनके खिलाफ आपराधिक केस चलेगा। इस मामले में सक्सेना के अलावा वर्तमान में अहमदाबाद के विधासभा क्षेत्रों से बीजेपी के विधायक अमित शाह और अमित ठाकर समेत एडवोकेट राहुल पटेल भी आरोपित हैं। 21 साल के बाद अहमदाबाद की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में इस मामले का ट्रायल शुरू हुआ है। जहां पर सुनवाई में आरोप तय होने हैं। इनमें भाजपा के दोनों विधायक पहली बार चुने गए हैं।

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