लखनऊ, 11 जनवरी। यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मौर्य ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा है। इसके साथ ही स्वामी प्रसाद मोर्य ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ छोड़ दिया है और अब उनके समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
स्वामी प्रसाद ने राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कहा कि महोदय, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों और विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं। वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे।
सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा#बाइसमेंबाइसिकल pic.twitter.com/BPvSK3GEDQ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 11, 2022
इस बीच मौर्य के इस्तीफे के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने साथ मौर्य की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंकलाब होगा – बाइस में बदलाव होगा।’
दिल्ली में मंगलवार को भाजपा की चुनाव समिति की बैठक चल रही है। इसमें उत्तर प्रदेश के पहले दो चरणों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों नामों पर विचार होना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस बैठक में मौजूद हैं।