रायबरेली, 11 मई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने शनिवार को यहां कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी का विरोध करके अपनी पहचान बनाई है, लेकिन इस बार वह अमेठी में ऐसा नहीं कर पाएंगी और उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा। बघेल ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली दोनों सीटों पर ‘बड़े अंतर’ से जीत हासिल करेगी।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इस बार पार्टी ने रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारा है और वह भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। गांधी परिवार के सहयोगी किशोरी लाल शर्मा अमेठी में स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल गांधी 2019 में अमेठी लोकसभा सीट पर स्मृति ईरामी से चुनाव हार गए थे।
भूपेश बघेल ने कहा कि दोनों सीटों से गांधी परिवार के घनिष्ठ संबंध रहे हैं। पहले इंदिरा गांधी फिर संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सभी ने इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में से किसी एक से चुनाव लड़ा है।
बघेल ने एक साक्षात्कार में कहा,”यहां के हर घर से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। रायबरेली से राहुल गांधी को उतारने का फैसला आलाकमान का था और हमारे नेता पहले ही इस बारे में बात कर चुके हैं। हम दोनों सीटों से लड़ रहे हैं। किशोरी लाल शर्मा जी 40 वर्षों से अधिक समय से लोगों की सेवा कर रहे हैं। उनका भी हर घर से नाता रहा है।”
राहुल गांधी के विरोध से पहचान बनाने वालीं स्मृति अब कसका विरोध करेंगी?
कांग्रेस नेता ने कहा, “दूसरा पक्ष डरा हुआ है, खासकर स्मृति ईरानी क्योंकि उनकी पहचान राहुल गांधी के विरोध से ही बनी है। अब वह किसका विरोध करेंगी? वह अब जाल में फंस गई हैं और उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा। किशोरी लाल शर्मा उन्हें बड़े अंतर से हराएंगे। हम दोनों सीटें बड़े अंतर से जीतेंगे।”