वाराणसी, 13 जुलाई। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) ने विदेशी छात्रों के लिए गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत सभी प्रकार की छात्रवृत्ति फेलोशिप और अन्य सुविधा जारी रखने के लिए छात्रों को सात से ज्यादा सीजीपीए और कक्षाओं में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य रखनी होगी। यानी फेलोशिप का लाभ लेने के लिए अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपना अंक और उपस्थिति प्रतिशत बढ़ाना होगा। नई नियमावली इसी माह से लागू की गई है।
1000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र-छात्राएं अध्ययनरत
उल्लेखनीय है कि बीएचयू में विभिन्न पाठ्यक्रमों में 1000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। ऐसे विद्यार्थियों के लिए 2022-23 में भी नियमों में संशोधन किए गए थे। पुरानी व्यवस्था के तहत छात्रों को उपस्थिति अंक की बाध्यता नहीं थी। फेलोशिप के लिए उनके शोध निर्देशक विभाग अध्यक्ष वार्डन से उनकी रिपोर्ट ली जाती थी। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब छात्रों को सात से ज्यादा सीजीपीए लाना होगा। पहले सेमेस्टर की परीक्षा के बाद यदि कम अंक आएंगे तो उन्हें फेलोशिप नहीं मिलेगी।
75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य
इसी क्रम में कक्षाओं में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। पीएचडी करने वाले अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की छमाही रिपोर्ट विभाग अध्यक्ष से ली जाएगी। संतोषजनक रिपोर्ट नहीं होने पर उनकी सुविधा भी छीन ली जाएगी। नए नियम के अनुसार परीक्षा में फेल होने, बैक पेपर या परीक्षा में अनुपस्थित होने की स्थिति में यह सुविधा छात्रों से वापस ले ली जाएगी।
विदेशी छात्र-छात्राओं को को मिलती हैं 15 सुविधाएं
BHU में अध्ययनरत अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आम विद्यार्थियों की तरह 15 सुविधाएं दी जाती है। इसमें इंस्टीट्यूट आफ इमीनेंस के तहत शुरू हुई टीच फॉर BHU, अर्न बाई लर्न, एनी बेसेंट फेलोशिप प्रोग्राम मेधावी छात्रों के लिए परंपरागत छात्रवृतियां शामिल हैं।
साथ ही दिव्यांग, आर्थिक रूप से अक्षम विद्यार्थियों के लिए भी मालवीय पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप, यूजीसी नॉन नेट फेलोशिप इत्यादि योजनाएं शामिल की गई हैं। छात्र कल्याण से विभागीय छात्रवृतियां दृष्टि बाधित छात्रों को 5000, नि:शुल्क भोजन, अनुदान की योजना, गरीब छात्रों को सात माह के मेस चार्ज के अलावा अन्य सुविधाएं दी जाती हैं।

