प्रयागराज, 22 सितम्बर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को शहर के अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ के बगीचे में बुधवार को अपराह्न भू-समाधि दे दी गई। इस दौरान बड़ी संख्या में अलग-अलग मठों, अखाड़ों के साधु -संत मौजूद रहे। उनके शिष्य बलबीर गिरि ने अंतिम क्रिया की, जिन्हें महंत नरेंद्र गिरि ने अपने कथित सुसाइड नोट में अपना उत्तराधिकारी करार दिया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी लगने से मौत की पुष्टि
महंत नरेंद्र गिरि का बुधवार को ही पूर्वाह्न पोस्टमॉर्टम हुआ था, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार फांसी लगने से मौत की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम के बाद उनके पार्थिव शरीर को पहले संगम ले जाया गया, जहां संगम स्नान की प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद पार्थिव शरीर को बड़े हनुमान मंदिर होते हुए बाघंबरी मठ लाया गया, जहां मंत्रोच्चार के बीच महंत नरेंद्र गिरि को भू-समाधि दी गई।
संगम पर ट्रक में की गई स्नान की प्रक्रिया
महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को जब संगम पर ले जाया गया, तब भारी भीड़ के कारण स्नान की पूरी प्रक्रिया ट्रक के अंदर ही पूरी करनी पड़ी। हालांकि संगम तीर्थ के पुरोहित दीपू मिश्र के अनुसार पहले यह व्यवस्था की गई थी कि महंत जी का पार्थिव शरीर ट्रक से उतारकर संगम स्थान कराया जाएगा। लेकिन पोस्टमॉर्टम होने के बाद शरीर को संगम के जल में उतारना संभव नहीं था, लिहाजा ट्रक में ही पार्थिव शरीर पर संगम का पवित्र जल छिड़का गया और संगम स्नान की औपचारिकता पूरी की गई।
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