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खबरदार! रिटायरमेंट के बाद आपने सोशल मीडिया पर गलत सामग्री पोस्ट की तो रोक दी जाएगी पेंशन

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नई दिल्ली, 2 जून। सोशल मीडिया कम्पनियों पर शिकंजा कसने के बाद केंद्र सरकार ने अब देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण फैसला किया है। इसके तहत खुफिया या सुरक्षा से संबंधित संगठनों से अवकाशप्राप्त अधिकारी बिना इजाजत कोई भी सामग्री पोस्ट नहीं कर सकते। यदि उन्होंने ऐसी हिमाकत की तो उनकी पेंशन रोक दी जाएगी। शायद इसीलिए केंद्र ने पेंशन नियमों में संशोधन कर दिया है।

संशोधित नियमों के अनुसार खुफिया या सुरक्षा से संबंधित किसी भी संगठन के अधिकारी को अब कोई सामग्री प्रकाशित करने से पूर्व अनुमति लेनी होगी। जिम्मेदार अधिकारी को यह तय करने का अधिकार होगा कि प्रकाशन के लिए प्रस्तावित सामग्री संवेदनशील है या असंवेदनशील और क्या वह संगठन के क्षेत्राधिकार में आता है अथवा नहीं। यदि गलत पोस्ट से संगठन की छवि खराब होती है तो ऐसे अधिकारी की पेंशन तत्काल प्रभाव से रोक दी जाएगी।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) कानून में संशोधन करते हुए एक नियम जोड़ा है, जिसके तहत सेवानिवृत्ति पर आरटीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में शामिल संगठनों में काम करने वालों को संगठन के प्रमुख से पूर्व मंजूरी के बिना संगठन के डोमेन से संबंधित कुछ भी प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

संशोधित नियम जिन संस्थानों में लागू किया गया है, उनमें  इंटेलीजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग,  सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सीबीआई, राजस्व खुफिया निदेशालय, एविएशन रिसर्च सेंटर, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, असम राइफल्स, सशस्त्र सीमा बल, स्पेशल ब्रांच (सीआईडी), अंडमान और निकोबार, क्राइम ब्रांच-सीआईडी-सीबी, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, बॉर्डर रोड़ डेवलपमेंट बोर्ड और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट शामिल हैं।

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