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खबरदार : छींक के साथ हवा में 10 मीटर तक फैल सकता है कोरोना, केंद्र सरकार ने जारी किए नए दिशानिर्देश

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नई दिल्ली, 20 मई। कोविड-19 को लेकर हो रहे नित नए अनुसंधानों के बीच अब केंद्र सरकार ने पूरी तरह मान लिया है कि संक्रमण छींक के साथ हवा में 10 मीटर दूरी तक फैल सकता है। इसी वजह से केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन के कार्यालय की ओर से कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिनका पालन करने के लिए आमजन से अपील की गई है।

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय का कहना है कि एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स कोरोना वायरस के फैलने के प्रमुख कारण हैं। गाइडलाइंस में जानकारी दी गई है कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स (छींक से उपजे कण) हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर तक आगे बढ़ा सकता है और संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है। यहां तक कि बिना कोई लक्षण वाला एक संक्रमित व्यक्ति ‘वायरल लोड’ बनाने लायक पर्याप्त ड्रॉपलेट्स छोड़ सकता है, जो कई अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसका मतलब साफ है कि अब कोरोना से बचने के लिए 10 मीटर की दूरी भी पर्याप्त नहीं है।

वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के अनुसार संक्रमित व्यक्ति के सांस छोड़ने, बोलने, गाने, हंसने, खांसने और छींकने से लार और नाक से निकलने वाले स्राव में वायरस निकलता है, जो दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए संक्रमण की इस चेन को तोड़ने के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना बहुत ही जरूरी है। मास्क पहनें, सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाएं और हाथ धोते रहें।

विशेषज्ञों के मुताबिक, एक संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने में दो सप्ताह तक का समय लग सकता है, इस दौरान वे दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में लक्षण नहीं भी दिखते हैं, फिर भी वे वायरस फैला सकते हैं।

सरकारी के नए दिशानिर्देशों के अनुसार बंद और गैर-हवादार इनडोर जगहों में ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल कोरोना वायरस के फैलाव के जोखिम को बहुत बढ़ा देते हैं। हालांकि विशेषज्ञ हमेशा से ये कहते आए हैं कि सही वेंटिलेशन वाली जगहों पर और आउटडोर जगहों पर संक्रमण के फैलने का खतरा कम रहता है।

गाइडलाइन में उन सतहों की लगातार और नियमित रूप से सफाई करने को कहा गया है, जिनके संपर्क में लोग ज्यादा रहते हैं। इसमें दरवाजे का हैंडल, लाइट स्विच, टेबल, कुर्सी आदि शामिल हैं। इन्हें ब्लीच और फिनाइल आदि से साफ करने की सलाह दी गई है। गाइडलाइन के मुताबिक, ग्लास, प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर वायरस लंबे समय तक जिंदा रहता है। इसलिए इन चीजों की नियमित रूप से सफाई जरूरी है।