कोलकाता, 17 जून। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन में तैनात कोलकाता पुलिस के कर्मियों को सोमवार को सुबह तत्काल परिसर खाली करने का आदेश दिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि बोस राजभवन के उत्तरी द्वार के पास स्थित पुलिस चौकी को ‘जन मंच’ में बदलने की योजना बना रहे हैं। अधिकारी ने बताया, ”राज्यपाल ने प्रभारी अधिकारी सहित राजभवन के अंदर तैनात पुलिस अधिकारियों को तत्काल परिसर खाली करने का आदेश दिया है।”
कुछ दिन पहले पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी और राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों को बोस से मिलने के लिए राजभवन में प्रवेश करने से रोक दिया था, जबकि राज्यपाल ने इसके लिए लिखित अनुमति दी थी। इसके बाद राज्यपाल का यह आदेश आया है।
पुलिस ने राज्यपाल भवन के बाहर धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए अधिकारी को राजभवन में प्रवेश करने से रोक दिया था। धारा 144 के तहत बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने पर रोक है। बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर यह जानना चाहा था कि किस आधार पर शुभेंदु अधिकारी और अन्य लोगों को पुलिस ने राजभवन परिसर में प्रवेश करने से रोका।
वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सवाल उठाया था कि क्या बोस को वास्तव में ‘नजरबंद’ किया गया है? इसके साथ ही अदालत ने राज्यपाल के कार्यालय से अनुमति मिलने पर अधिकारी को ‘चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों’ के साथ राजभवन जाने की अनुमति दी थी।
शुभेंदु अधिकारी और एक अन्य व्यक्ति ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें ऐसा कहा गया था कि लिखित अनुमति होने के बावजूद पुलिस ने राजभवन में उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। भाजपा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर लोकसभा चुनावों के बाद हिंसा कराने का आरोप लगा रही है जबकि टीएमसी ने आरोपों को सिरे ने नकार दिया।