Site icon Revoi.in

रणजी ट्रॉफी : बंगाल के बल्लेबाजों ने रचा इतिहास, नौवें क्रम तक सभी बल्लेबाजों ने बनाया 50 से ज्यादा स्कोर

Social Share

बेंगलुरु, 8 जून। घरेलू क्रिकेट की शीर्ष प्रतियोगिता यानी रणजी ट्रॉफी में अनूठा इतिहास रचा गया, जब झारखंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में बंगाल ने रनों की बरसात कर दी और पहले से लेकर नौवें क्रम तक के बल्लेबाजों ने 50 या उससे अधिक का स्कोर बना दिया। इनमें दो बल्लेबाजों के शतकीय प्रहार भी शामिल हैं।

स्कोर कार्ड

बंगाल ने यहां जस्ट क्रिकेट अकादमी ग्राउंड पर खेले जा रहे पांच दिवसीय मैच के तीसरे दिन बुधवार को सात विकेट पर 773 रन बनाकर अपनी पारी घोषित की। झारखंड ने स्टंप्स उखड़ते वक्त अपनी पहली पारी में पांच विकेट पर 139 रन बनाए थे।

खेल मंत्री मनोज तिवारी ने भी बहती गंगा में हाथ धोया

बंगाल की ओर से सुदीप कुमार घरामी ने सबसे ज्यादा 186 रनों की पारी खेली, जबकि ए. मजूमदार ने 117 रन बनाए। इन दो शतकों के अलावा सात बल्लेबाजों ने अर्धशतक जमाया। पचासा जड़ने वाले बल्लेबाजों में पश्चिम बंगाल सरकार में खेल मंत्री मनोज तिवारी भी शामिल रहे, जिन्होंने 73 रनों की पारी खेली।

बंगाल टीम के स्कोरर –

  1. अभिषेक रमन – 61 रन
  2. अभिमन्यु ईश्वरन – 65 रन
  3. सुदीप कुमार घरामी – 186 रन
  4. ए. मजूमदार – 117 रन
  5. मनोज तिवारी – 73 रन
  6. अभिषेक पोरेल – 68 रन
  7. शहबाज अहमद – 78 रन
  8. सायन मंडल – 53* रन
  9. आकाशदीप – 53* रन

आकाशदीप ने 18 गेंदों पर 8 छक्के जड़ दिए

बंगाल के विशालकाय स्कोर में आकाशदीप ने तो तूफान ही मचा दिया। उन्होंने सिर्फ 18 गेंदों पर 53 रनों की पारी खेली, जिसमें आठ छक्के शामिल रहे। आकाश दीप ने रणजी ट्रॉफी के मुकाबले में भी करीब 300 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।

सायन मंडल ने जब अपनी फिफ्टी पूरी की, तब पहली बार ऐसा देखने को मिला कि किसी घरेलू मैच की पहली पारी में शुरुआती आठ बल्लेबाजों ने 50 या उससे अधिक का स्कोर बनाया। लेकिन मामला यहीं नहीं थमा बल्कि नौवें क्रम के बल्लेबाज यानी आकाशदीप ने भी फिफ्टी जमा दी। ऐसे में यह पहली बार हुआ कि शीर्ष नौ बल्लेबाजों ने फर्स्ट क्लास इनिंग में 50+ स्कोर बना दिया।

वर्ष 1893 में जब ऑस्ट्रेलियाई टीम इंग्लैंड के दौरे पर थी, तब टीम के आठ बल्लेबाजों ने ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के खिलाफ 50+ स्कोर बनाया था। लेकिन तब वे पहले से लेकर आठवें क्रम तक के बल्लेबाज नहीं थे।