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उत्तर प्रदेश : चुनाव से पहले योगी सरकार किसानों को देगी बड़ी सौगात, जानें क्या है पूरा प्लान

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लखनऊ, 4 सितम्बर। प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव से पहले किसानों के लिए 722.85 करोड़ रुपये की आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना लाने जा रही है। यह धनराशि अगले पांच वर्ष में किसानों को समूह में खेती कर आय बढ़ाने के लिए खेत से बाजार तक हर स्तर पर सुविधा व संसाधन उपलब्ध कराने पर खर्च होगी। चालू वित्त वर्ष में इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है। इस योजना के अंतर्गत 5 वर्ष में 2725 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन कर 27.25 लाख शेयर होल्डर किसानों को सीधे लाभान्वित करने की तैयारी है।

प्रदेश सरकार ने नई योजना केंद्र सरकार की कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) को आधार बनाते हुए तैयार की है। नाबार्ड इस निधि से करीब 9 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराता है। ऋण के लिए संबंधित संस्था को 10 प्रतिशत मार्जिन मनी लगानी होती है। केंद्र सरकार कृषक आवश्यकताओं के लिए दो करोड़ रुपये तक लिए गए ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान और क्रेडिट गारंटी देती है। लेकिन, कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) को एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराती है।

समितियों को मार्जिन मनी व एफपीओ, कृषि व्यवसायों से जुड़ी संस्थाओं को अपनी ओर से भी 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान देने की तैयारी कर रही है। 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान केंद्र देता है। इस तरह इन संस्थाओं को 3 प्रतिशत से भी कम ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा। ये संस्थाएं कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर किसानों की खेती लागत में कमी व आय बढ़ाने का काम कर सकेंगी। यह योजना कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा व अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी के निर्देशन में तैयार की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर सिद्धांत रूप में सहमति दे दी है। इसे कैबिनेट से मंजूर कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

प्रदेश में खाद, बीज व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली कृषि सहकारी समितियां (पैक्स) मार्जिन मनी न होने की वजह से एआईएफ की स्कीम का लाभ नहीं ले पाती। प्रदेश सरकार ने इस स्कीम का भरपूर लाभ उठाने के लिए प्रदेश की 1500 पैक्स को 4-4 लाख रुपये मार्जिन मनी अपनी ओर से देने का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रत्येक पैक्स को 20 लाख की परियोजना मंजूर होगी। 4 लाख रुपये मार्जिन मनी के रूप में राज्य सरकार देगी। 16 लाख एआईएफ से मिलेगा। इसकी ब्याज दर एक प्रतिशत होगी। ये सभी पैक्स गोदाम बनाएंगे।

प्रदेश सरकार अगले पांच वर्ष तक प्रति वर्ष 625 एफपीओ का गठन करेगी। केंद्र सरकार की संस्थाओं के अलावा राज्य की यूपी डास्प, हार्टिकल्चर फेडरेशन, योग्य एफपीओ व स्वयं सेवी संस्थाएं इनके गठन का काम करेंगी। एफपीओ का गठन करने वाली कलस्टर बेस्ड बिजनेस आर्गनाइजेशन को 5 वर्ष तक प्रति वर्ष 5-5 लाख रुपये तथा नव गठित एफपीओ को 6-6 लाख रुपये तक तीन वर्ष तक देने की योजना है। प्रत्येक एफपीओ से औसत 1.5 करोड़ का निवेश कराने की योजना है। एफपीओ को फसल कटाई के बाद की अवसंरचना सुविधाओं के सृजन के लिए 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इससे एफपीओ से जुड़े 1000 किसान सीधे लाभ पाएंगे। प्रति वर्ष सीधे 3,000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

कृषि उत्पादन मंडी परिषद की 27 मंडियों में फसल कटाई के बाद अनाज के भंडारण व प्रबंधन संबंधी अवस्थापना सृजन के लिए 140 करोड़ की योजना तैयार की गई है। मंडी परिषद भी केवल 3 प्रतिशत की ब्याज दर पर एआईएफ से ऋण प्राप्त कर संसाधन बढ़ा सकेंगी।

आधुनिक साइलों की स्थापना से खर्च में एक प्रतिशत तक कमी।
मशीनों की उपलब्धता से लागत में 3 प्रतिशत तक कमी।
कोल्ड स्टोरेज की स्थापना से फसल तैयार होने के बाद के नुकसान में 5 प्रतिशत कमी संभव।
जैविक खेती में 10-20 प्रतिशत तक वृद्धि।
रेफ्रिजरेटेड परिवहन से ताजा उत्पाद की लंबी दूरी तक ढुलाई से परिवहन में 5 प्रतिशत तक बर्बादी में कमी।

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