मुंबई, 27 अक्टूबर।। इसी सप्ताह भारत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंक विरोधी समिति की बैठक होनी है। इस बैठक में आतंक के लिए इस्तेमाल होने वाली आधुनिक तकनीक, डिजिटल पेमेंट सिस्टम और ड्रोन को लेकर मुख्य रूप से चर्चा होगी। 28 अक्टूबर को मुंबई के ताज होटल में इस बैठक की अनौपचारिक शुरुआत हो जाएगी। बैठक के लिए इस जगह को खास मकसद से चुना गया है। दरअसल साल 2008 में पाकिस्तान के लश्कर आतंकियों ने इस होटल पर हमला किया था जिसमें कई लोग मारे गए थे।
इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, यूके विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली, घाना के विदेश मंत्री, यूएई के गृह मंत्री और अन्य देशों के भी प्रतिनिधि शामिल होंगे। ताज पैलेस में होने वाले समारोह में यूएनएससी के 15 वर्तमान सदस्यों के अलावा आने वाले समय में शामिल होने वाले पांच देशों के प्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे। यहां 26/11 हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। मुंबई में हुए इस आतंकी हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी।
मारे गए लोगों को याद करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर और अदामो भाषण देंगे। इस समारोह में मुंबई हमले के कुछ पीड़ित भी शामिल होंगे। वे इसके बारे में संक्षेप में बताएंगे। इसके अलावा आतंकवाद से लड़ने केलिए स्थानीय स्तर पर क्या किया जा सकता है. इस विषय को लेकर चर्चा आगे बढ़ेगी। दूसरे दिन की बैठक दिल्ली में होगी जहां आतंकवाद के लिए अपनाए जाने वाले आधुनिक तरीकों से निपटने के बारे में चर्चा की जाएगी।
यूएन में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि आतंकवाद के बारे में कोई भी दोहरा मानदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए। आतंकवाद में कोई भी अच्छा या बुरा आतंकी नहीं होता है। कुछ लोग अच्छा बुरा करके आतंकियों को बचाने में लगे रहते हैं। कंबोज का इशारा चीन और पाकिस्तान की तरफ था। आतंकियों को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए भारत के प्रस्वाव में चार बार चीन टांग अड़ा चुका है।