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अहमदाबाद विमान हादसा – पायलट ने उड़ान भरते ही करीबी एटीसी को MAYDAY कॉल दी थी, लेकिन…

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अहमदाबाद, 12 जून। अहमदाबाद विमान हादसे के बाद अहम जानकारी सामने आई है कि एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 के पायलट की ओर से क्रैश से ठीक पहले करीबी एटीसी को MAYDAY सिग्नल भेजा गया था, जो कि खतरे का अंदेशा बता रहा था। लेकिन इसके कुछ पल बाद ही विमान क्रैश कर गया।

उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान टेकऑफ करते ही क्रैश कर गया। उस वक्त विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स सवार थे। विमान टेकऑफ करने के ठीक दो मिनट बाद एक डॉक्टर्स हॉस्टल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और आग के गोले में तब्दील हो गया।

डीजीसीए की ओर से विमान हादसे के बाद विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके अनुसार 12 जून 2025 को एअर इंडिया का विमान B787, जो अहमदाबाद से गैटविक जा रहा था, टेकऑफ के तुरंत बाद ही क्रैश कर गया। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिसमें 2 पायलट और 10 केबिन क्रू शामिल हैं। इस एयरक्राफ्ट को कैप्टन सुमित सभरवाल चला रहे थे जबकि उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे। सुमित सभरवाल को 8200 घंटे फ्लाइट उड़ाने का अनुभव था जबकि क्लाइव का अनुभव 1100 फ्लाइट ऑवर का था।

अहमदाबाद एअरपोर्ट के रनवे 23 से इस विमान ने दोपहर 1.38 पर उड़ान भरी थी। उड़ान भरते ही पायलट ने करीबी एटीसी को MAYDAY कॉल दी थी, लेकिन इसके बाद विमान की ओर से एटीसी को कोई सिग्नल नहीं दिया गया। उड़ान के कुछ सेकेंड बाद ही विमान एअरपोर्ट परिसर के बाहर गिर गया।

क्या होती है MAYDAY Call?

किसी भी फ्लाइट में ‘मेडे कॉल’ (Mayday Call) एक इमरजेंसी मैसेज होता है, जो पायलट उस वक्त देता है, जब विमान किसी गंभीर संकट में हो और यात्रियों या क्रू की जान को खतरा हो। जैसे कि विमान का इंजन फेल होना, विमान में आग लगना, हवा में टकराव का खतरा, या हाईजैक जैसी स्थिति बन जाए।

इस कॉल के जरिए कोई भी पायलट एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और नजदीकी विमानों को अलर्ट करता है कि प्लेन को तुरंत मदद की ज़रूरत है। इसे प्लेन के रेडियो पर तीन बार बोला जाता है — “Mayday, Mayday, Mayday” ताकि साफ हो जाए कि यह मजाक नहीं बल्कि असली संकट है।

जानकारी के अनुसार जैसे ही Mayday Call दिया जाता है, कंट्रोल रूम उस विमान को प्राथमिकता देता है और सभी संसाधनों को उसकी मदद में लगा देता है, जैसे इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत, रनवे खाली कराना, एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड तैयार रखना।

‘मेडे’ शब्द फ्रेंच के “m’aider” से आया है, जिसका मतलब होता है मेरी मदद करो। ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि हालात बहुत ज्यादा गंभीर न हो, लेकिन चिंता की हो, तब पायलट पैन-पैन (Pan-Pan) कॉल करता है, जो ‘मेडे’ से कम गंभीर मानी जाती है।

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