अहमदाबाद, 13 सितम्बर। गुजरात के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के लिए 24 घंटे का समय वाकई सपनों सरीखा रहा। रविवार दोपहर के पहले तक राजनीतिक विश्लेषकों की कल्पना से परे यह बात थी कि तमाम दिग्गजों के बीच पहली बार विधायक बने किसी शख्स को भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा देगा।
गांधीनगर स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय ‘कमलम’ में विधायक दल की बैठक में जब मुख्यमंत्री के नाम का एलान हुआ तो घाटलोडिया के विधायक 59 वर्षीय भूपेंद्रभाई खुद पिछली कतार में बैठे हुए है। खुद उनके लिए यह आश्चर्य का विषय था।
अमित शाह तो गांधीनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद ही हैं। इसी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाली घाटलोडिया विधानसभा सीट का भूपेंद्रभाई प्रतिनिधित्व करते हैं। शाह के अति करीबी माने जाने वाले भूपेंद्रभाई आज शपथ ग्रहण से पहले दिन में अहमदाबाद हवाई अड्डे गृह मंत्री को रिसीव करने भी पहुंचे थे।
जगन्नाथ मंदिर में दर्शन किया, स्वामी नारायण मंदिर भी गए
इस क्रम में रविवार की शाम उन्होंने दादा भगवान के मंदिर में दर्शन किया और आरती में हिस्सा लिया। इसके बाद अहमदाबाद के ही जगन्नाथ मंदिर में जाकर उन्होंने माथा टेका और तब जाकर अपने क्षेत्र घाटलोदिया पहुंचे थे, जहां घर में उनकी बहन ने आरती उतारकर उनका स्वागत किया था।
परिवार को भी टीवी से मिली थी खबर
दिलचस्प तो यह रहा कि दूसरो की छोड़िए, खुद भूपेंद्र पटेल के परिवार भी उनके मुख्यमंत्री बनने की खबर टीवी से ही मिली। पत्नी हेतन पटेल ने बताया कि उन्हें अपराह्न करीब चार बजे टीवी के जरिए यह जानकारी मिली। सबसे पहले उन्होंने अपने बेटे को उठाया, जो सो रहा था।
उन्होंने बताया, ‘घर में राजनीति की बात होती नहीं। वहीं भूपेंद्र पटेल पहले मंत्री नहीं रहे थे और ऐसे में मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद किसी को नहीं थी। लेकिन जब टीवी में देखा, तो हमने घर में हलवा बनाया।’