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विराट के दावे पर बीसीसीआई की सफाई – सितंबर में टी20 कप्तानी छोड़ने से रोका था

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नई दिल्ली, 15 दिसंबर। दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और टेस्ट कप्तान विराट कोहली के बीच खटास खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला, जब पहले मुंबई में विराट कोहली ने दौरे पर रवानगी से पहले आहूत प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि टी20 कप्तानी न छोड़ने की बात उनसे किसी ने नहीं कही थी। इसके कुछ घंटे बाद ही बोर्ड के एक पदाधिकारी ने कोहली के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनसे सितंबर में हुई बातचीत के दौरान ही कह दिया गया था कि वह टी20 प्रारूप की कप्तानी न छोड़ें।

बीसीसीआई का यह भी कहना है कि विराट कोहली ऐसा नहीं कह सकते कि उन्हें कप्तानी से हटाने की जानकारी नहीं दी गई थी। विराट कोहली ने जब टी20 कप्तानी खुद ही छोड़ दी, तब सफेद गेंद की क्रिकेट में दो कप्तान रखना आसान नहीं था।

चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा ने मीटिंग के दिन सुबह ही विराट को जानकारी दे दी थी

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार बोर्ड के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘विराट कोहली ये नहीं कह सकते कि हमने उन्हें लूप में नहीं रखा। हमने उनसे सितंबर में बात की थी और टी20 कप्तानी नहीं छोड़ने के लिए कहा था। कोहली ने जब टी20 की कप्तानी खुद छोड़ दी तो व्हाइट बॉल के लिए दो कप्तान रखना मुश्किल था। चेतन शर्मा ने वनडे की कप्तानी के बारे में मीटिंग वाले दिन सुबह में विराट को इस संबंध में बताया था। साथ ही विराट कोहली को जब वनडे की कप्तानी से हटाया गया तो चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा ने खुद मीटिंग वाले दिन सुबह में विराट को इस बाबत जानकारी दी थी।’

कोहली ने कहा था – मीटिंग खत्म होने से ठीक पहले उन्हें दी गई जानकारी

इसके पूर्व दिन में कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम के चयन से करीब डेढ़ घंटे पहले उनसे संपर्क किया गया और मीटिंग खत्म होने से ठीक पहले पांच चयनकर्ताओं ने बताया कि वनडे टीम के कप्तान वह नहीं होंगे।

कप्तानी विवाद पर विराट ने चुप्पी तोड़ी, बोले – टी20 का कप्तान बने रहने के लिए किसी ने नहीं कहा

कोहली ने साथ ही यह भी कहा, ‘टी20 कप्तानी छोड़ने के मेरे फैसले को एक प्रगतिशील कदम और सही दिशा में देखा गया था। उस समय मैंने बीसीसीआई से कहा था कि मैं वनडे और टेस्ट कप्तान के रूप में जारी रखना चाहता हूं जब तक कि बीसीसीआई के पदाधिकारी या चयनकर्ता नहीं चाहते कि मैं छोड़ दूं। मैंने फोन कॉल पर भी इसे स्पष्ट किया। बीसीसीआई के साथ मेरा संवाद बहुत स्पष्ट था। मैंने उन्हें यह विकल्प भी दिया कि अगर चयनकर्ता कोई निर्णय लेना चाहते हैं, तो मैं उसके भी साथ हूं।’

 

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