नई दिल्ली, 13 फरवरी। झारखंड के दमदार विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन का प्रथम श्रेणी क्रिकेट को दरकिनार सिर्फ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पर ध्यान केंद्रित करने से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) नाराज हो उठा है। यही वजह है कि बोर्ड अब सख्त नियम लाने की तैयारी कर रहा है।
बीसीसीआई सूत्रों का कहना है कि अब आईपीएल में खेलने के लिए खिलाड़ियों को न्यूनतम संख्या में रणजी ट्रॉफी मैच खेलना अनिवार्य होने वाला है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीसीसीआई अधिकारी पहले ही किशन को 16 फरवरी से जमशेदपुर में राजस्थान के खिलाफ होने वाले झारखंड के अंतिम लीग मैच में खेलने का निर्देश दे चुके हैं।
दरअसल, ईशान किशन यात्रा से जुड़ी थकान के कारण दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच से स्वदेश लौट गए थे और इसके बाद उन्होंने कोई मैच नहीं खेला, जो बीसीसीआई के अधिकारियों को नागवार गुजरा। यही नहीं इस बीच उन्हें मुंबई इंडियंस के नवनियुक्त कप्तान हार्दिक पंड्या के साथ बड़ौदा में अभ्यास करते हुए देखा गया जबकि उनकी रणजी टीम झारखंड अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी।
आईपीएल ऑक्शन में भी शामिल होने से बैन किया जा सकता है
सूत्रों के अनुसार एक सख्त नियम तैयार होने वाला है, ताकि युवा खिलाड़ी सिर्फ आईपीएल खेलने को ही अपना प्राथमिकता न बना लें। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘बीसीसीआई में निर्णय लेने वाले अच्छी तरह से जानते हैं कि कुछ खिलाड़ी रेड बॉल क्रिकेट नहीं खेलना चाहते। यदि वे भारतीय टीम से बाहर हैं तो बेहतर होगा कि वे कुछ मुश्ताक अली टी-20 मैच खेलें। रणजी ट्रॉफी मुकाबले खेलें। ऐसे खिलाड़ियों पर लगाम लगाने के लिए पूरी संभावना है कि खिलाड़ियों को कम से कम 3-4 रणजी ट्रॉफी खेलना ही होगा। ऐसा न करने पर वो आईपीएल नहीं खेल सकेंगे। इतना ही नहीं आईपीएल फ्रैंचाइजियों को भी निर्देश दिया जाएगा कि खिलाड़ी को रिलीज कर दिया जाए। आईपीएल ऑक्शन में भी शामिल होने से बैन कर दिया जाएगा।
राज्य इकाइयां इस बाबत कुछ कड़े नियम बनाने की पक्षधर
अधिकारी ने कहा, ‘राज्य इकाइयों का मानना है कि बीसीसीआई को इस संबंध में कुछ कड़े नियम बनाने चाहिए ताकि युवा खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी को हेय दृष्टि से ना देखें।’ यह भी पता चला है कि भारतीय टीम प्रबंधन ऐसे खिलाड़ियों से परेशान है, जो फिट होने पर भी रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलना चाहते हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘हम हार्दिक पंड्या का मामला समझ सकते हैं क्योंकि उनका शरीर लाल गेंद की क्रिकेट के कार्यभार को सहन नहीं कर सकता। वह टेस्ट क्रिकेट के कार्यभार को नहीं झेल सकते हैं और उनका आईसीसी प्रतियोगिताओं के लिए फिट रहना भारत के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन कुछ दूसरे युवा खिलाड़ी हैं, जिनसे बात करने पर वह कहते हैं कि अभी वह अपनी फिटनेस पर काम कर रहे हैं। इस चलन को किसी स्तर पर रोकना होगा।’