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BBC Documentary : गुजरात दंगे को लेकर शशि थरूर ने ‘सेक्युलर’ लोगों पर उठाए सवाल, बयान पर हुआ विवाद

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नई दिल्ली, 28 जनवरी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि उन्होंने कभी भी लोगों से गुजरात दंगे को भूलकर आगे बढ़ने की बात नहीं कही है। थरूर ने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष लोगों को गुजरात दंगे को लेकर खुद के बारे में दुर्भावनाग्रस्त रहने से कुछ हासिल नहीं होगा। दरअसल शशि थरूर ने इससे पहले अपने एक बयान में कहा था कि अब हमें गुजरात दंगे को पीछे छोड़ देना चाहिए और आज के समय की जो समस्याएं हैं, उन पर फोकस करना चाहिए। जिसे लेकर सोशल मीडिया पर शशि थरूर की खूब आलोचना हुई। जिसके बाद शशि थरूर ने अपने बयान पर सफाई दी है।

तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत को अब इस त्रासदी से आगे बढ़ना चाहिए। लोगों को लगता है कि इस दो दशक पुराने मामले को पीछे छोड़ देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में अपना फैसला दे चुका है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वह उन लोगों पर आक्षेप भी नहीं लगा रहे हैं, जिन्हें लगता है कि गुजरात दंगे का अभी पूरा सच सामने नहीं आया है। शशि थरूर के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उनकी आलोचना शुरू कर दी। इस पर शशि थरूर ने अब सफाई पेश की है।

शशि थरूर ने कहा है कि लोग मेरे विचारों से असहमत हो सकते हैं लेकिन 4 दशकों के सांप्रदायिक मामलों पर उनके रिकॉर्ड और दो दशकों तक गुजरात दंगा पीड़ितों के साथ खड़े होने पर कोई भी ऊंगली नहीं उठा सकता। थरूर ने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष लोगों को अब इस मुद्दे पर दुर्भावनाग्रस्त रहने से कुछ हासिल नहीं होगा।

बता दें कि देश में इन दिनों ब्रिटिश प्रसारणकर्ता बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री इंडियाः द मोदी क्वेश्चन पर खूब विवाद हो रहा है। डॉक्यूमेंट्री में साल 2002 में हुए गुजरात दंगों में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को आपत्तिजनक और प्रोपेगैंडा बताते हुए देश में इसके लिंक शेयर करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके बाद देश के कई विश्वविद्यालयों में वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर हंगामा किया जा रहा है।

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