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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हिन्दुओं के खिलाफ अत्याचार पर जताई गंभीर चिंता, कहा – संबंधित समूहों के साथ जल्द होगी बैठक

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ढाका, 11 अगस्त। बांग्लादेश की नवगठित अंतरिम सरकार ने देश में हिन्दुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी अत्याचार पर गंभीर चिंता जताई है और साथ ही यह भी कहा कि वह इस संकट के हल की दिशा में काम कर रही है और जल्द ही सभी संबंधित समूहों के साथ बैठक की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भारत में शरण लेने के बाद हिन्दुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं। अब तक कई अल्पसंख्यकों की मौत हो चुकी है, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

अंतरिम सरकार इस मसले पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए रविवार को कहा कि वह हिन्दुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को हल करने के लिए काम कर रही है। अंतरिम कैबिनेट ने अपनी नियुक्ति के बाद अपने पहले आधिकारिक बयान में कहा, ‘कुछ स्थानों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों को गंभीर चिंता के साथ देखा गया है। इस तरह के जघन्य हमलों को हल करने के तरीके खोजने के लिए प्रतिनिधि निकायों और अन्य संबंधित समूहों के साथ तुरंत बैठक की जाएगी।’

उल्लेखनीय है कि मुस्लिम बाहुल्य बांग्लादेश में हिन्दू ज्यादातर सबसे बड़ा अल्पसंख्यक धर्म है और हिन्दुओं को हसीना की पार्टी अवामी लीग का दृढ़ समर्थन आधार माना जाता है। हसीना के अचानक इस्तीफे देने और बीते पांच अगस्त को भारत पहुंचने के बाद उनके 15 वर्षों के शासन का अंत हो गया था। इसके बाद देश के हिन्दू घरों, मंदिरों और व्यवसायों पर कई हमले हुए।

हालांकि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के जाने के बाद हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए प्रदर्शनकारियों के परिवारों के लिए सहायता का एलान किया है। बांग्लादेश में आरक्षण पर आए कोर्ट के फैसले के बाद जुलाई महीने से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसमें अब तक 450 लोगों की जान जा चुकी है। सरकार ने यह भी कहा कि वह सप्ताह के अंत तक राजधानी ढाका में मेट्रो को फिर से खोल देगी और जल्द ही एक नए केंद्रीय बैंक गवर्नर की नियुक्ति करेगी, जो हसीना के एक वफादार को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करेगा।

मीडिया संस्थानों को भी नई सरकार की चेतावनी

वहीं, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दुष्प्रचार रोकने के उद्देश्य मीडिया संस्थानों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उन्होंने झूठे या भ्रामक समाचार प्रकाशित या प्रसारित किए तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा। समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार सरकार ने चेतावनी दी कि यदि मीडिया ने भ्रामक खबरें प्रसारित कीं तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा।

अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम. सखावत हुसैन ने राजारबाग केंद्रीय पुलिस अस्पताल में घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात के दौरान कहा, ‘जब मीडिया सच्चाई को सामने नहीं लाता तो राष्ट्र लड़खड़ा जाता है।’ हुसैन ने मीडिया पर सच्चाई पेश न करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘जब मीडिया ईमानदारी से खबरें पेश करने में विफल रहता है तो देश की स्थिति खराब हो जाती है।’

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