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चीन की धमकी पर भड़का बांग्लादेश, ड्रैगन ने क्वाड गुट में भारत के साथ न जुड़ने की चेतावनी दी थी

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ढाका, 12 मई। बांग्लादेश ने चीन की उस धमकी पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है, जिसमें ड्रैगन ने कहा था कि बांग्लादेश को भारत सहित क्वाड देशों के समूह में शामिल नहीं होना चाहिए। इस गुट में भारत के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग ने बीते सोमवार को कहा था कि ढाका को क्वाड में शामिल नहीं होना चाहिए और यदि वह किसी भी तरह से बीजिंग विरोधी ‘क्लब’ में हिस्सेदारी करता है तो दोनों देशों के रिश्तों को काफी नुकसान होगा।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए.के. अब्दुल मोमन ने चीनी राजदूत की टिप्पणी को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और आक्रामक करार देते हुए कहा,‘हम एक स्वतंत्र और संप्रभु देश हैं. हम अपनी विदेश नीति स्वयं तय करते हैं।’

डिप्लोमैटिक कॉरेस्पॉन्डेंट्स एसोसिएशन बांग्लादेश की तरफ से सोमवार को हुई वर्चुअल मीटिंग में जिमिंग ने कहा था, ‘जाहिर है कि बांग्लादेश के लिए चार देशों (क्वाड) के इस छोटे से क्लब में भाग लेना अच्छा नहीं होगा क्योंकि इससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों को काफी नुकसान होगा।’

जिमिंग की टिप्पणी से आहत मोमन ने कहा, ‘हमने पहले कभी किसी चीनी राजनयिक से ऐसी टिप्पणियां नहीं सुनी थीं। यह काफी अफसोस की बात है। हम चीन की तरफ से ऐसे बर्ताव की उम्मीद नहीं करते हैं।’ उन्होंने कहा कि बांग्लादेश गुट-निरपेक्ष और संतुलन की नीति का पालन करता है। देश तय करेगा कि उस सिद्धांत के अनुरूप क्या करना है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि ढाका ने अब तक क्वाड को लेकर कोई बात नहीं की है जबकि किसी ने भी इन चार देशों के समूह में शामिल होने के लिए बांग्लादेश से संपर्क नहीं किया, इसलिए चीनी दूत की टिप्पणी अप्रासंगिक लग रही है।

इस बीच क्वाड को लेकर बांग्लादेश के खिलाफ चीनी राजनयिक के बयान पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों से कहा, ‘अमेरिका का बांग्लादेश के साथ अविश्वसनीय रूप से मजबूत संबंध है। हमने चीनी राजदूत के बांग्लादेश में बयान को नोट किया है। हम बांग्लादेश की संप्रभुता का सम्मान करते हैं। साथ ही अपने लिए विदेश नीति को लेकर निर्णय लेने के बांग्लादेश के अधिकार का हम सम्मान करते हैं।’