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बांग्लादेश : राष्ट्रपति ने पूर्व पीएम खालिदा जिया की रिहाई का दिया आदेश, सेना बोली – मंगलवार को खत्म हो जाएगा कर्फ्यू

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ढाका, 5 अगस्त। बांग्लादेश में बिगड़े हालातों के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता बेगम खालिदा जिया को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। वहीं सेना ने कहा है कि बांग्लादेश में मंगलवार सुबह तक कर्फ्यू खत्म हो जाएगा। साथ ही स्कूल और व्यवसाय फिर से खुलेंगे।

देश के नाम संबोधन में बोले – संसद भंग कर अंतरिम सरकार बनाई जाएगी

देश में उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सोमवार रात 11 बजे देश को संबोधित किया। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मौजूदा संसद को भंग कर अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। राष्ट्रपति ने देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील भी की और कहा कि इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा।

आपात बैठक के बाद राष्ट्रपति ने खालिदा को रिहा करने का दिया आदेश

इससे पहले राष्ट्रपति ने शाम को अपने आवास पर एक आपात बैठक की। इस दौरान उनके आवास गणभवन में सेना प्रमुख समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता मौजूद रहे। इस बैठक में राष्ट्रपति ने सेना प्रमुख से देश के मौजूदा हालात पर चर्चा की और बैठक के तुरंत बाद बड़ा फैसला करते हुए उन्होंने पूर्व पीएम खालिदा जिया को जेल से रिहा करने का आदेश दिया।

शेख हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं बेगम खालिदा जिया

शेख हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी बेगम खालिदा जिया मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की नेता हैं। उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ पिछले आम चुनाव का बहिष्कार किया था। वहीं मोहम्मद शहाबुद्दीन ने पिछले वर्ष 24 अप्रैल को बांग्लादेश के 22वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।

दिलचस्प यह है कि शेख हसीना और खालिदा जिया, दोनों को मारे गए शासकों से राजनीतिक आंदोलन विरासत में मिले। हसीना को जहां उनके पिता व बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान से राजनीति विरासत में मिली वहीं खालिदा जिया ने अपने पति जियाउर रहमान के बाद कमान संभाली। जियाउर रहमान ने मुजीब की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली थी और 1981 में उनकी खुद हत्या कर दी गई थी। हसीना ने 2009 में खालिदा जिया के साथ दशकों लंबे सत्ता संघर्ष को जीतने के बाद से शासन किया था।

शेख हसीना का बेटा बोला – मेरी मां अब राजनीति में नहीं लौटेंगी

इस बीच दिन में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़कर भारत जा पहुंचीं शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने कहा कि उनकी मां अब राजनीति में नहीं लौटेंगी। हसीना के पूर्व आधिकारिक सलाहकार रहे जॉय ने कहा कि उनकी मां ने परिवार के आग्रह पर अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़ दिया।

‘बीबीसी वर्ल्ड सर्विस’ पर ‘न्यूजआवर’ को दिए एक इंटरव्यू में जॉय ने कहा कि उनकी मां की कोई राजनीतिक वापसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हसीना रविवार से ही इस्तीफा देने पर विचार कर रही थीं और परिवार के आग्रह के बाद अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़कर चली गईं।

रिपोर्ट के अनुसार जॉय ने कहा कि 15 साल तक बांग्लादेश पर शासन करने वालीं उनकी मां बहुत निराश थीं कि उनकी इतनी मेहनत के बाद भी लोग उनके खिलाफ उठ खड़े हुए। हसीना की निराशा को अभिव्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘उन्होंने बांग्लादेश को बदल दिया है। जब उन्होंने सत्ता संभाली थी तो इसे एक असफल राष्ट्र माना जाता था। यह एक गरीब देश था। लेकिन आज इसे एशिया के उभरते देशों में से एक माना जाता था। वह बहुत निराश हैं।’

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में रविवार को हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच टकराव हो गया। यह टकराव पुलिस और ज्यादातर छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोगों के मारे जाने के कुछ दिनों बाद हुआ। देश में एक पखवाड़े के भीतर कम से कम 300 लोग मारे गए हैं।

प्रदर्शनकारियों से निबटने में सरकार द्वारा बहुत सख्ती बरतने के आरोपों को खारिज करते हुए जॉय ने कहा, ‘पुलिसकर्मियों को पीट-पीटकर मार डाला गया है, केवल रविवार को ही 13 की मौत हुई। जब भीड़ लोगों को पीट-पीटकर मार रही हो, तो आप पुलिस से क्या उम्मीद करते हैं?’