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बांग्लादेश: ढाका में सात मंजिला इमारत में लगी भीषण आग, 44 लोगों की मौत, 22 अन्य घायल

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ढाका, 1 मार्च। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सात मंजिला इमारत में बृहस्पतिवार रात आग लगने से कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई और 22 अन्य लोग घायल हो गए। बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सामंत लाल सेन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आग लगने की यह घटना ढाका के बेली रोड इलाके में ‘ग्रीन कोजी कॉटेज’ इमारत में हुई।

दमकल सेवा के अधिकारियों ने बताया कि इमारत की पहली मंजिल पर स्थित लोकप्रिय रेस्तरां ‘कच्ची भाई’ में बृहस्पतिवार रात करीब नौ बजकर 50 मिनट पर आग लग गई जो तेजी से ऊपर की मंजिलों में भी फैल गई। इन मंजिलों पर रेस्तरां एवं कपड़े की दुकानें थीं।

सेन ने कहा कि ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में 33 और ‘शेख हसीना नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी’ में 10 शवों को लाया गया तथा एक अन्य व्यक्ति की ‘पुलिस अस्पताल’ में मौत हो गई। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि डीएमसीएच और ‘शेख हसीना नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी’ में 22 लोगों का उपचार किया जा रहा है और उनकी हालत ‘‘नाजुक’’ है। सेन स्वयं भी चिकित्सक हैं।

उन्होंने ‘डीएमसीएच’ में संवाददाताओं से कहा ‘‘बचाए गए लोगों का श्वसन तंत्र गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है।’’ अधिकारियों ने बताया कि इमारत से 75 लोगों को बाहर निकाला गया जिनमें से 42 लोग बेहोश थे। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर दमकल सेवा की 13 गाड़ियों को भेजा गया। चिकित्सकों ने कहा कि कुछ लोगों के शव इतनी बुरी तरह झुलस गए हैं कि उनकी पहचान कर पाना मुश्किल है।

उन्होंने मृतक संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के बाद लोग बचने के लिए ऊपर की मंजिलों की ओर भागे और कई लोगों को दमकलकर्मियों ने सीढ़ियों की मदद से बाहर निकाल लिया। पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल मामून ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 44 लोगों की मौत हो गई और 75 लोगों को बचा लिया गया है।

उन्होंने बताया कि घटना में बचाए गए कुछ लोगों को प्राथमिक उपचार मुहैया कराने के बाद घर भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि मृतकों में एक पुलिस अधिकारी की बेटी भी शामिल है। अग्निशमन सेवा के महानिदेशक ने बताया कि 42 बेहोश लोगों में 21 महिलाएं और चार बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस इमारत में हालात खतरनाक थे, यहां तक कि सीढ़ियों पर भी गैस सिलेंडर रखे थे।’’

उन्होंने कहा कि आग शायद गैस रिसाव या चूल्हे से लगी। उन्होंने कहा कि इमारत से सीढ़ियों के जरिए ही बाहर निकला जा सकता था और यही एकमात्र निकास मार्ग था। अग्निशमन कर्मियों ने बताया कि ज्यादातर लोगों की मौत इमारत से कूदने या जलने या दम घुटने से हुई। दमलकल कर्मियों ने आग पर देर रात साढ़े 12 बजे काबू पा लिया।